Budget 2024 में सरकारी कर्मचारियों को मिल सकता है बड़ा तोहफा, बढ़ जाएगी सैलरी

बजट 2024 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. करीब एक हफ्ते के बाद देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2024 संसद में पेश करेगी. इस बार बजट में केंद्र सरकार देश के एक करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ा तोहफा दे सकती है. इसका मतलब है कि सरकार बजट में 8वें वेतन आयोग की घोषणा कर सकती है.
वास्तव में सरकार को आठवें वेतन आयोग के गठन का एक और प्रस्ताव मिला है. कई कर्मचारी समितियों ने बार-बार केंद्र सरकार से कर्मचारियों और पेंशनर्स के मूल वेतन, भत्ते, पेंशन और दूसरे बेनिफिट्स में बदलाव करने के लिए आठवां वेतन आयोग बनाने का आग्रह किया है.
भारत सरकार के कैबिनेट सचिव को संबोधित एक हालिया पत्र में, केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और श्रमिकों के संगठन के महासचिव एसबी यादव ने 8 वें वेतन आयोग के गठन, पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली, 18 महीने का महंगाई भत्ता और राहत जो अन्य चीजों के अलावा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कोविड-19 महामारी के दौरान रोकी गई थी जारी करने की मांग की. यह डिमांड संयुक्त सलाहकार मशीनरी (जेसीएम) की राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष) की ओर से की गई मांग के बाद आई है.
कब तक आएगा 8वां वेतन आयोग?
केंद्रीय वेतन आयोग आमतौर पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और लाभों की समीक्षा और संशोधन की सिफारिश करने के लिए हर दस साल में गठित किया जाता है. ये सिफ़ारिशें महंगाई और दूसरी अन्य बातों को ध्यान में रखती है. सातवें वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 28 फरवरी, 2014 को किया था. इसने 19 नवंबर, 2015 को अपनी रिपोर्ट सौंपी और 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 को लागू हुईं.
इस पैटर्न को समझने की कोशिश करें तो अगला वेतन आयोग आम तौर पर 1 जनवरी, 2026 से लागू किया जाएगा. हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक इस मोर्चे पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है. केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनर्स सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
क्या बजट में 8वें वेतन आयोग की घोषणा होगी?
क्या बजट 2024 में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा होगी? सिंघानिया एंड कंपनी की पार्टनर रितिका नैय्यर का मीडिया रिपोर्ट में कहा कि यह बजट पीएम मोदी की सरकार के लगातार तीसरे कार्यकाल में लौटने के बाद पहला बजट है और वेतन आयोग की समयसीमा भी करीब आ रही है. 8वें वेतन आयोग के लागू करने से इकोनॉमी को बूस्ट मिल सकता है, लेकिन सरकारी खजाने पर दबाव देखने को मिल सकता है. वैसे कर्मचारी संगठन 8वें वेतन आयोग की जबरदस्त वकालत कर रहे हैं. अभी तक इस बारे में कोई सरकारी बयान सामने नहीं आया है. साथ ही तय नहीं है कि वेतन आयोग की घोषणा बजट में होगी या नहीं. इतिहास में भी ऐसा देखने को मिला है कि ऐनान और एग्जीक्यूशन के बीच काफी लंबा वक्त बीत जाता है.
क्या हैं सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की प्रमुख मांगे?

एनपीएस को ख़त्म करें, और सभी कर्मचारियों के लिए ओपीएस बहाल करें.
कर्मचारियों और पेंशनर्स को 18 महीने का डीए/डीआर जारी करें, जो कि कोविड-19 महामारी के दौरान रोक दिया गया था.
अनुकंपा नियुक्तियों पर 5 फीसदी की सीमा हटाई जाए, और मृत कर्मचारी के सभी वार्डों/आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाए.
सभी विभागों में रिक्त पदों को भरा जाए और सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग व ठेकेदारी प्रथा बंद की जाए.
कैजुअल, संविदा श्रमिकों और जीडीएस कर्मचारियों को रेगुलर किया जाए, स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर दर्जा मिले.

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