उत्तरकाशी में मजदूरों की जान बचाने वाले रैट माइनर के घर चला बुलडोजर, DDA ने क्या सफाई दी?

कतीन महीने पहले की बात है. उत्तरकाशी की टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया था. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना के जवानों से लेकर आपदा प्रबंधन, पुलिस डिपार्टमेंट और अलग-अलग विभागों के सैकड़ों कर्मी शामिल थे.

इन्हीं लोगों में थे दिल्ली के रहने वाले वकील हसन. जो रैट माइनर हैं. दिल्ली के खजूरी खास इलाके के रहने वाले हैं. 28 फरवरी को दिल्ली विकास प्राधिकारण (DDA) ने हसन के घर पर बुलडोजर चला दिया. जहां उनका मकान था, वहां अब ईंट और सीमेंट के मलबे नजर आ रहे हैं. वकील हसन का आरोप है कि डीडीए ने बिना किसी नोटिस के उनका घर गिरा दिया.

वकील हसन ने क्या बताया?

डीडीए का कहना है कि वकील का घर जिस जगह पर था, वो सरकारी जमीन है. हालांकि वकील कहते हैं कि उनका घर ही एकमात्र है जो उन्होंने पुरस्कार के रूप में मांगा थी लेकिन डीडीए ने बिना किसी नोटिस के उनका घर गिरा दिया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, वकील हसन का दावा है कि प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनके घर को नहीं तोड़ा जाएगा, लेकिन अब जगह छीन ली है.

वकील हसन के मुताबिक उन्होंने ये मकान 2013 में खरीदा था. इसकी रजिस्ट्री 1987 से ही थी. 28 फरवरी की रात वकील हसन के परिवार का एक वीडियो सामने आया, जिसमें उनके घर के लोग मलबे पर बैठे दिखे. इस वीडियो में वकील कहते हैं कि सांसद मनोज तिवारी ने भी वादा किया था कि उनका मकान नहीं टूटेगा.

इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने कहा,

“बहुत दुख है हमें. हमने ये उम्मीद नहीं की थी. देश के लिए हमारा भी कुछ योगदान है. इसलिए सरकार को हमारे बारे में भी सोचना चाहिए.”

वकील का कहना है कि उन्होंने पहले भी डीडीए वालों को पैसे दिए थे, वे अब भी पैसे की मांग कर रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि अगर वे फिर पैसे देते तो मकान नहीं टूटता. उनके ऊपर पहले से काफी कर्ज हैं.

41 मजदूरों की जान बचाने के लिए जिन्हें तीन महीने पहले हीरो बनाया गया, वो आज बेघर हैं. वकील की पत्नी का भी एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो कह रही हैं कि उनके पति तो उत्तरकाशी के हीरो थे. सब उनको इतना सम्मान दे रहे थे, आज उस सम्मान के बदले मकान ले लिया.

सड़क पर आया वकील हसन का परिवार

वीडियो में वकील हसन के साथ मुन्ना कुरैशी भी नजर आए. मुन्ना भी उन 12 रैट माइनर्स में एक थे, जिन्होंने उत्तरकाशी ऑपरेशन में हिस्सा लिया था. सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों तक सबसे पहले पहुंचने वालों में मुन्ना ही थे. उनका कहना है कि मकान गिराने के दौरान अधिकारी उन सभी को पुलिस स्टेशन भी लेकर चले गए. उन्होंने पुलिस पर वकील हसन के बच्चों को पीटने का भी आरोप लगाया.

DDA ने क्या सफाई दी?

DDA ने वकील हसन के घर गिराने की कार्रवाई का बचाव किया है. DDA ने बयान में कहा है कि अतिक्रमण हटाना एक नियमित कार्रवाई है. हसन के परिवार को भी इसकी जानकारी थी. DDA के मुताबिक, साल 2017 में ही अतिक्रमण हटाने की कोशिश की थी. लेकिन परिवार के विरोध के कारण मामला रुक गया था. इसके बाद सितंबर और दिसंबर 2022 में दोबारा कोशिशें हुईं. लेकिन परिवार की महिलाओं ने अतिक्रमण नहीं हटाने दिया. आत्मदाह तक की धमकी दी गई. 28 फरवरी को भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बारे में परिवार को सूचित किया गया. सामान हटाने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था.

वकील हसन के घर तोड़े जाने के मुद्दे को विपक्षी दलों के कई नेताओं ने भी उठाया है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा कि किसी भी सभ्य समाज में उन्हें राष्ट्रीय नायक का दर्जा दिया जाता, पर शायद उनका नाम वकील हसन है इसलिए मोदी राज में उनके लिए सिर्फ़ बुलडोज़र, एनकाउंटर वगैरह मुमकिन है.

प्रियंका गांधी ने भी वकील की पत्नी का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि गरीबों का घर तोड़ना, उन्हें कुचलना, प्रताड़ित और अपमानित करना – यह अन्याय ही भाजपा के “अन्यायकाल” की सच्चाई है. जनता इस अन्याय का जवाब जरूर देगी.

मनोज तिवारी उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद हैं. खजूरी खास भी इसी इलाके में आता है. मनोज तिवारी का कहना है कि उनके (वकील) घर को लेकर पहले से कानूनी दिक्कतें थीं. मकान नहीं तोड़े जाने के वादे पर समाचार एजेंसी पीटीआई से मनोज तिवारी ने कहा,

“हां, मैंने उनसे कहा था. लेकिन जब हम वहां गए तो पता चला कि कुछ दिक्कतें थीं. लेकिन हम उनको कानूनी तरीके से घर देंगे. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिलाएंगे. ये मैं आपको भरोसा दिला हूं.”

दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना से भी इस मसले पर मीडिया ने सवाल किया. एलजी ने भी आश्वासन दिया कि उन्हें घर और मुआवजा दिया जाएगा.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *