10 हजार से शुरू किया बिजनेस, ट्रांसपोर्ट-सिनेमा कई जगह हाथ मारे, आज 4150 करोड़ की कंपनी, अब पद्म श्री अवार्ड
कहते हैं सफलता से बड़ा संघर्ष होता है. यह बात शशि सोनी पर 100 फीसदी फिट बैठती है. अगर आपसे कहें कि वह आज 4 हजार करोड़ से भी ज्यादा बड़ी कंपनी की मालकिन हैं, तो आपको मामूली बात लगेगी. लेकिन, आपको पता चले कि यह अम्पायर उन्होंने 10 हजार रुपये की शुरुआती पूंजी से खड़ा किया है तो चौंक जाएंगे. उनकी शुरुआत और सफलता के बीच इसी संघर्ष की कहानी आज हम पेश कर रहे हैं.
शशि सोनी का नाम 2024 के पद्म पुरस्कार पाने वालों की सूची में भी शामिल है. भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री अवार्ड देने का फैसला किया है. शशि ने 1971 में पहली बार बिजनेस शुरू किया था. उन्होंने 10 हजार रुपये की शुरुआती पूंजी लगाकर दीप ट्रांसपोर्ट शुरू किया और 1975 तक चलाया. बाद में मुंबई के मुलुंड इलाके में साल 1975 में पहला एसी सिनेमा शुरू किया दीप मंदिर सिनेमा के नाम से. यह सिनेमा भी साल 1980 तक चलेगा.
फिर शुरू हुआ सफलता का सफर
शुरुआती एक दशक तक संघर्ष करने के बाद शशि ने सफलता का स्वाद चखा. उन्होंने ऑक्सीजन प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की. मैसूर में खुले इस गैस मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से उन्हें अच्छा पैसा मिलना शुरू हुआ और संघर्ष सफलता में बदल गया. धीरे-धीरे बिजनेस बढ़ा तो तकनीकी क्षेत्र में भी कदम रखा.
आज अमेरिका से यूरोप तक फैसला कारोबार
शशि सोनी ने साल 2005 में ईज्मो लिमिटेड (IZMO LTD) नाम से कंपनी बनाई, जो मार्केट सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है. उनकी कंपनी आज अमेरिका, यूरोप और एशिया में हाई-टेक ऑटोमोटिव व ई-रीटेलिंग सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है. शशि इस कंपनी की चेयरपर्सन हैं. उनकी कंपनी बीएसई और एनएसई पर भी लिस्टेड है.
हजारों का सहारा भी हैं शशि
शशि कई सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ी हैं. वह दीप जनसेवा समिति की सदस्य भी हैं. यह समिति नौकरियां उपलब्ध कराने में मदद करने के साथ महिलाओं को शिक्षित करने, पेंशन स्कीम लांच करने और दिव्यांगों के लिए फंड जुटाने का काम करती है. IZMO LTD की कई सब्सिडियरी कंपनियां भी हैं. इसमें Homestar Systems, Inc., izmocars Europe BVBA जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं.शशि को पद्म श्री सम्मान से पहले बिजनेस और सोशल वेलफेयर फील्ड में कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुका है. साल 1990 में उन्हें इंडियन इंडस्ट्री में योगदान के लिए महिला गौरव पुरस्कार मिला. इसके बाद वह ऑल इंडियन इंडस्ट्रियल गैस मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन की मैनेजिंग कमेटी की सदस्य भी रहीं. इसके अलावा तकनीकी विकास निदेशालय की सदस्य भी रहीं हैं.