बायजू को मिल गया तारणहार! आकाश इंस्टीट्यूट में सबसे बड़े इन्वेस्टर बने रंजन पई

लंबे समय से संकट में फंसे एडटेक कंपनी बायजू के लिए अच्छी खबर है। मनिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप के चेयरमैन रंजन पई आकाश इंस्टीट्यूट में सबसे बड़े शेयरहोल्डर बन गए हैं। बायजू की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न ने 2021 में आकाश इंस्टीट्यूट को 95 करोड़ डॉलर में खरीदा था। यह देश में इंटरनेट सेक्टर में सबसे बड़े एक्विजिशन में से एक था। आकाश इंस्टीट्यूट देशभर में मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षाओं के लिए कोचिंग संस्थान चलाता है। सूत्रों के मुताबिक पई ने 2023 में आकाश में 30 करोड़ डॉलर का निवेश किया था और कंपनी के बोर्ड ने इसे इक्विटी में बदलने को मंजूरी दे दी है। इससे रंजन पई कुल 40% हिस्सेदारी के साथ कंपनी के सबसे बड़े स्टेकहोल्डर बन जाएंगे। कंपनी की वैल्यू करीब 70 करोड़ डॉलर है और इस पर कोई कर्ज नहीं है। पई ने कंपनी का कर्ज चुकाने में काफी मदद की थी।

इस बारे में आकाश इंस्टीट्यूट ने ईमेल का जवाब नहीं दिया। पई और बायजू रवींद्रन ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। ईटी ने पिछले साल अक्टूबर में खबर दी थी कि पई आकाश में बड़ी हिस्सेदारी लेने की तैयारी में हैं। एक सूत्र ने कहा कि आकाश के बोर्ड ने कनवर्जन को मंजूरी दे दी है और अब पई इसके सबसे बड़े स्टेकहोल्डर हैं। पई फैक्टर आकाश और बायजू के भविष्य के लिए अहम है। पई ने पिछले साल नवंबर में आकाश इंस्टीट्यूट में करीब 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। इससे बायजू को अपना कर्ज चुकाने में मदद मिली थी। अब कंपनी में पई, रवीन्द्रन और थिंक एंड लर्न की कुल 80 से 82 फीसदी हिस्सेदारी हो गई है। कंपनी में रवीन्द्रन की 16%, थिंक एंड लर्न की 26% और चौधरी परिवार तथा ब्लैकस्टोन की 18% हिस्सेदारी है। 2021 में आकाश की वैल्यूएशन 95 करोड़ डॉलर थी जो अब 70 करोड़ डॉलर रह गई है।

तारणहार बनकर आए हैं पई

एक सूत्र ने कहा कि पई बायजू के लिए तारणहार बनकर आए हैं क्योंकि कंपनी को अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। अगर इस निवेश के लिए सीसीआई की हरी झंडी मिलती है तो पई को आकाश के बोर्ड में अतिरिक्त सीट मिल जाएंगी। पई का कई स्टार्टअप कंपनियों में निवेश है। इसमें Purpile, Bluestone, PharmEasy, FirstCry, Meolaa और Goat Brand Labs शामिल हैं। पई ने बायजू को Davidson Kempner कर्ज संकट से उबरने में मदद की थी। फाइनेंशियल ईयर 2022 में बायजू की पेरेंट कंपनी को 8,245 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था जबकि आकाश को 80 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। आकाश इंस्टीट्यूट की स्थापना जेसी चौधरी ने 35 साल पहले की थी। फाइनेंशियल ईयर 2022में कंपनी का रेवेन्यू 40 परसेंट बढ़ोतरी के साथ 1,491 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने अब तक वित्त वर्ष 2023 का रिजल्ट जारी नहीं किया।

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