Car Insurance Claim: गाड़ी पर लगा हल्का सा स्क्रैच और ले लिया इंश्योरेंस क्लेम? होंगे ये 3 नुकसान
कुछ लोग अपने फोन से तो कुछ लोग अपनी गाड़ी से बहुत ही ज्यादा प्यार करते हैं, कार पर हल्का सा भी निशान आ जाए तो लोग बिना सोचे-समझें Car Insurance Claim लेने पहुंच जाते हैं. माना आपने गाड़ी के लिए कार इंश्योरेंस खरीदा है, लेकिन आप शायद ये नहीं जानते होंगे कि छोटे-मोटे स्क्रैच लगाने पर अगर क्लेम लेते हैं तो आपको कई नुकसान हो सकते हैं.
आप भी सोच रहे होंगे कि Car Insurance Claim करने से भला क्या नुकसान होगा? एक या दो नहीं छोटे-मोटे स्क्रैच आने पर अगर आप भी हर बार इंश्योरेंस क्लेम करने लगते हैं तो इससे आपको तीन बड़े नुकसान हो सकते हैं जिन्हें समझना बहुत ही जरूरी है. कटारिया इंश्योरेंस के मोटर हेड संतोष सहानी से बातचीत के दौरान उन्होंने छोटे-मोटे स्क्रैच पर क्लेम लेने से होने वाले तीन नुकसानों के बारे में जानकारी दी.
Car Insurance Claim से होंगे आपको ये नुकसान
पहला नुकसान: हर छोटे-मोटे स्क्रैच आने पर इंश्योरेंस क्लेम लेने पर पहला नुकसान तो यह है कि जिस साल आप क्लेम लेंगे उस साल आपको NCB यानी नो क्लेम बोनस नहीं मिलेगा. नो क्लेम बोनस बहुत ही काम की चीज है और अगर नो क्लेम बोनस नहीं मिला तो आपको कई नुकसान हो सकते हैं.
दूसरा नुकसान: नो क्लेम बोनस न मिलने की वजह से अगले साल जब आप Car Insurance Renew करवाएंगे तो आपका प्रीमियम बढ़ जाएगा. प्रीमियम बढ़ने की वजह यह है कि आपके पास नो क्लेम बोनस नहीं है, नो क्लेम बोनस का फायदा यह है कि ये आपके प्रीमियम को कम करने में आपकी मदद करता है. इसके अलावा नो क्लेम बोनस के और भी कई फायदे हैं.
तीसरा नुकसान: वैसे तो कार नई हो या पुरानी इंश्योरेंस कंपनियां आमतौर पर पांच सालों तक Zero Depreciation पॉलिसी ऑफर करती हैं, लेकिन कुछ ही ऐसी कंपनियां हैं जो 5 से 7 साल के बीच भी आपको जीरो डेप्रिसिएशन पॉलिसी खरीदने की सुविधा देती हैं.
लेकिन इसके पीछे बस एक कंडीशन है और वह यह है कि कार चालक के पास NCB यानी नो क्लेम बोनस होना चाहिए. नो क्लेम बोनस इस बात का संकेत देता है कि आप कार सही से चलाते हैं और आप कंपनी से क्लेम नहीं मांगते हैं.
अगर गाड़ी के दोनों ही दरवाजों पर स्क्रैच आया है और अगर आप डेंटिंग-पेटिंग करवाने के बजाय डोर बदलने की बात करते हैं तो इस केस में क्या आपको पूरा पैसा मिलेगा, आइए जानते हैं. संतोष सहानी ने बताया कि अगर किसी कार चालक के पास अगर जीरो डेप्रिसिएशन बेनिफिट नहीं है तो फिर इस केस में 50 फीसदी तक पैसा जेब से जा सकता है. 50 फीसदी पैसा क्लेम के दौरान जेब से जाएगा और फाइल चार्ज भी अलग से देना होगा.