GST में फर्जीवाड़ा रोकने को लेकर केंद्र सरकार ने की बदलाव की तैयारी, अब बंद होने वाली है ये सुविधा
नकली जीएसटी रिफंड और इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने वालों पर नकेल कसने की तैयारी हो रही है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार जीएसटी रिटर्न फॉर्म में संशोधन या सुधार करने की सुविधा को वापस ले सकती है।
यह कदम इस संशोधन सुविधा के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग के मामले सामने आने के बाद उठाए जाने के बाद लिया जाएगा। हाल ही में जीएसटी में फर्जीवाड़े की पड़ताल करने वाली एजेंसियों को इन मामलों का पता चला है।
18 हजार करोड़ रुपये के 1,700 फर्जी आइटीसी केस:
गौरतलब है कि इन एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष में (दिसंबर 2023 तक) 18 हजार करोड़ रुपये के 1,700 फर्जी आइटीसी मामलों का पता लगाया है। इस संबंध में 98 धोखेबाजों को गिरफ्तार किया गया है।
बताया जा रहा है कि विभाग ने उन्नत तकनीकी उपकरणों की मदद से डाटा विश्लेषण कर इन मामलों को सुलझाया और कर चोरी का पता चलाया।
जीएसटी चोरों की करतूत का खामियाजा भुगतेंगे ईमानदार: एक प्रमुख कारोबारी वेबसाइट के मुताबिक पिछले कई साल से कारोबारी आयकर विभाग की तर्ज पर जीएसटी रिटर्न को भी संशोधित कर दोबारा दाखिल करने की सुविधा देने की मांग कर रहे हैं। सरकार इस पर विचार भी कर रही है,
लेकिन रिटर्न को संशोधित करने की एक छोटी सी सुविधा देने पर जिस तरीके से इसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग जीएसटी चोरों ने किया अब उसका खामियाजा ईमानदारी से जीएसटी चुकाने वाले कारोबारियों को उठाना पड़ सकता है।
अभी आईटीसी दावा संशोधन की सुविधा:
फिलहाल जीएसटी रिटर्न एक बार दाखिल करने के बाद इसमें संशोधन या सुधार करने की सुविधा नहीं है, लेकिन कारोबारियों को इससे होने वाली परेशानी को देखते हुए सरकार ने कुछ समय पहले ही जीएसटी के रिटर्न फॉर्म-1 में संशोधन और जीएसटी के रिटर्न फॉर्म 3बी में इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावे को संशोधित करने की सुविधा शुरू की है।
अब बताया जा रहा है सरकार जल्द ही जीएसटी रिटर्न को संशोधित करने की सुविधा बंद कर सकती है। हालांकि टैक्स के जानकारों का कहना है कि इस सुविधा के बंद करने से कारोबारियों की परेशानी बढ़ेगी।
बड़े पैमाने पर जीएसटी फर्जीवाड़े का खुलासा:
दरअसल जीएसटी चोरी के खिलाफ सरकार पिछले साल मई से बड़ी मुहिम चला रही है। जांच में अभी तक करीब 44 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है। साथ ही 29,273 बोगस कंपनियों का पता चला है, जिसके जरिए जीएसटी के फर्जी बिल बनाकर जीएसटी चोरी की गई।