चव्हाण के इस्तीफे से कांग्रेस की धड़कन बढ़ीं, राज्यसभा चुनाव में क्या हो जाएगा खेला?

महाराष्ट्र की राज्यसभा की छह सीटों के लिए 27 फरवरी को चुनाव हैं, यहां भाजपा के तीन उम्मीदवार जीतना तय माना जा रहा है, खास बात ये है कि पार्टी ने यहां चौथे और पांचवें उम्मीदवार के लिए भी तैयारी कर रही है, जिससे विपक्षी दलों की धड़कनें बढ़ी हैं. खासतौर से अशोक चव्हाण के इस्तीफे से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.

महाराष्ट्र से राज्यसभा की छह सीटें हैं, इन सीटों पर निर्विरोध चुनाव नहीं हुआ तो कांग्रेस यहां मुसीबत में पड़ सकती है, दरअसल यहां कांग्रेस के पास 45 विधायक थे, अशोक चव्हाण के इस्तीफे के बाद इनकी संख्या घटकर 44 हो गई है, 2-3 विधायकों की अलग ही कहानी है. यदि राज्यसभा सीट की बात करें तो यह चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस को कम से कम 41 विधायक चाहिए. कांग्रेस को डर ये है कि यदि भाजपा ने चौथा उम्मीदवार मैदान में उतारा और मतदान के दिन कोई राजनीतिक खेला हो गया तो लेने के देने पड़ जाएंगे.

जीशान सिद्दीकी किसे करेंगे वोट?

कांग्रेस के सामने ये भी सवाल है कि जीशान सिद्दीकी किसे वोट करेंगे. यह सवाल इसलिए भी बड़ा है क्योंकि उनके पिता बाबा सिद्दीकी एनसीपी ज्वाइन कर चुके हैं, ऐसे में वह भी कांग्रेस को टाटा-बाय-बाय कह सकते हैं. राज्यसभा चुनाव से वह इसकी शुरुआत कर सकते हैं. कांग्रेस के 44 में से एक विधायक पूर्व मंत्री सुनील केदार भी हैं जिनके मतदान के अधिकार को भी हालात साफ नहीं है, क्योंकि बैंक घोटाले के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद से वह जमानत पर बाहर हैं पर अब तक उनकी विधानसभा की सदस्यता या मतदान अधिकार पूर्ववत नहीं हुआ है.

कांग्रेस के सामने एक ये मुसीबत

45 में से 3 गए तो बचे 42 और इन 42 में से भी अशोक चव्हाण के पास 10 से 12 विधायक संपर्क में होने की बात सामने आ रही है जो कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी करेंगे. ऐसे में बीजेपी 6 में से 5 उम्मीदवारों के नाम भी ऐलान कर सकते हैं, ऐसे में एम उम्मीदवार के लिए जरूरी 41 वोट कांग्रेस को नही मिल पाएंगे तो सीट भी नहीं मिलेगी.

 

बीजेपी ने भेजे 9 नाम

अगामी 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, महाराष्ट्र में 6 में से 5 सीटों पर महायुति की जीत का दावा किया जया रहा है. इनमें से तीन सीटें भाजपा के खाते में जाना तकरीबन तय माना जा रहा है. इस बीच बीजेपी की ओर से राज्यसभा के लिए 9 उम्मीदवारों के नामों की सूची सामने आ रही है, और इसे दिल्ली भेज दिया गया है. इसलिए बीजेपी की ओर से राज्यसभा के लिए नामांकन किसे मिलेगा इसका आखिरी फैसला दिल्ली में बैठे आलाकमान लेंगे.

बीजेपी की ओर से दिल्ली भेजे गए ये नाम

1- नारायण राणे

2- विनोद तावड़े

3- पंकजा मुंडे

4- विजया रहाटकर

5- अमरीश पटेल

6- माधव भंडारी

7- चित्रा वाघ.

8- हर्षवर्धन पाटिल

9- संजय उपाध्याय

यह देखना अहम होगा कि इन 9 नेताओं में से किन 3 नेताओं को राज्यसभा का नामांकन भरने का मौका मिलेगा. और बाकी के दो सीट के लिए भी क्या इन्ही 9 में से कोई होगा या कोई नया नाम सामने आएगा. कांग्रेस के नेताओं को इस बात का डर भी सता रहा है कि बीजेपी अगर अपना चौथा-पांचवा उम्मीदवार उतारती है तो वह कांग्रेस के दो चार विधायकों को चुनाव से गैर-हाजिर करा सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस के उम्मीदवार का चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा. रविवार को हुई प्रदेश कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक में इस मुद्दे पर काफी विचार विमर्श हुआ, हालांकि कोई ठोस रणनीति नहीं बन पाई.

उद्धव और शरद पवार के विधायकों पर भी पेंच

कांग्रेस के लिए मामला इसलिए भी मुश्किल हो गया है, क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा एनसीपी पार्टी का अधिकार और चुनाव चिह्न अजीत पवार गुट को दे दिया गया है. इसी तरह शिवसेना का चुनाव चिह्न और पार्टी का अधिकार एकनाथ शिंदे गुट को मिल गया है. ऐसे में शरद पवार और उद्धव ठाकरे के साथ जो विधायक बचे हैं, वे एनसीपी और शिवसेना के चुनाव चिह्न पर जीत कर आए हैं, लिहाजा उन पर भी अजीत गुट और एकनाथ शिंदे गुट की व्हिप लागू होगी.

दिखाकर करना होता है वोट

चुनाव में यह व्यवस्था है कि जब चुनाव होते हैं तो विधायकों को अपनी पार्टी के चीफ व्हिप को दिखाकर उसी उम्मीदवार के पक्ष में वोट करना होता है, जिसके पक्ष में वोट करने के लिए पार्टी व्हिप जारी करती है. अगर विधायक पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर वोट देते हैं तो उनका वोट अमान्य किया जा सकता है. ऐसे में अब तक यह साफ नहीं है कि उद्धव गुट और शरद पवार गुट के विधायकों की भूमिका राज्यसभा चुनाव के दौरान क्या होगी ।

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