CIBIL Score: क्रेडिट स्कोर को इस आधार पर किया जाता है तैयार, यहां जानिए
अकसर लोग जब भी बैंक से लोन लेते है तो सबसे पहले हमारा सिबिल स्कोर चेक किया जाता है. अगर हमारा सिबिल स्कोर सही नहीं होगा तो वह बैंक तय करेगा कि आपको लोन देना चाहिए नहीं. जिसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ेगा. आइए जानते है क्रेडिट स्कोर को किस आधार पर तैयार किया जाता है…
जब भी लोन लेने की बात होती है तो सबसे पहले क्रेडिट स्कोर का जिक्र किया जाता है. क्रेडिट स्कोर देखकर ही बैंक ये तय करते हैं कि आपको लोन देना चाहिए या नहीं. साथ ही इससे लोन की ब्याज दर पर भी असर पड़ता है.
यानी अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको लोन आसानी से मिल जाता है और बेहतर ब्याज दरों के साथ मिल जाता है. लेकिन अगर स्कोर बहुत अच्छा नहीं है तो लोन मुश्किल से मिलता है और अगर मिल गया तो उस पर ज्यादा ब्याज वसूला जाता है.
लेकिन क्या कभी आपके दिमाग में ये सवाल आया है कि क्रेडिट स्कोर को किस आधार पर तैयार किया जाता है और इसे कौन तैयार करता है? यहां जानिए इसके बारे में-
जानिए कौन तैयार करता है आपकी क्रेडिट रिपोर्ट
तमाम क्रेडिट ब्यूरो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को जारी करते हैं. इनमें ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और सीआरआईएफ हाईमार्क जैसी क्रेडिट इंफर्मेशन कंपनियों को प्रमुख माना गया है.
इन कंपनियों को लोगों के वित्तीय रिकॉर्ड इकट्ठा करने, इसे मेंटेन करने और इस डेटा के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट/ क्रेडिट स्कोर जेनरेट करने का लाइसेंस प्राप्त है.
ये क्रेडिट ब्यूरो बैंक और अन्य फाईनेंस संस्थान के पास जमा ग्राहक के डेटा जैसे बकाया लोन राशि, पुनर्भुगतान रिकॉर्ड, नए लोन / क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन और अन्य क्रेडिट संबंधी जानकारी आदि को लेकर उनका मूल्यांकन करते हैं और उसके आधार पर सिबिल स्कोर को तैयार करते हैं.
सिबिल स्कोर तैयार करते समय खासतौर पर देखे जाते हैं ये फैक्टर्स
आप जब पहली बार लोन लेते हैं या क्रेडिट कार्ड लेते हैं, तभी से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बननी शुरू हो जाती है. सिबिल स्कोर तैयार करते समय सबसे पहले आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को देखा जाता है.
इसके जरिए ही ये पता चलता है कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री कितनी पुरानी है और आपका रिपेमेंट रिकॉर्ड कैसा है? इस क्रेडिट हिस्ट्री का असर भी आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है.