तमिलनाडु में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर घमासान, स्टालिन सरकार ने लगाए प्रतिबंध! BJP दायर करेगी PIL

अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर समारोह पर तमिलनाडु की स्टालिन सरकार और बीजेपी में घमासान मच गया है. तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने दावा किया है कि राज्य पुलिस ने एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अयोध्या में अभिषेक का जश्न मनाने के इच्छुक निजी स्कूलों को, यहां तक कि अपने परिसर के भीतर भी, जिला कलेक्टर या न्यायपालिका से अनुमति लेनी होगी.

इस बीच, मोहनदास पई ने भाजपा से 22 जनवरी को विशेष पूजा के लिए मंदिरों को अनुमति देने से कथित तौर पर इनकार करने के लिए तमिलनाडु सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने को कहा है.

मोहनदास पई ने रविवार को भाजपा से एमके स्टालिन की तमिलनाडु सरकार के खिलाफ 22 जनवरी को विशेष पूजा के लिए मंदिरों को अनुमति देने से इनकार करने के लिए एक जनहित याचिका (जनहित याचिका) दायर करने को कहा है.

बीजेपी ने स्टालिन सरकार के खिलाफ दायर करेगी याचिका

तमिलनाडु के भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने कहा, “कृपया धर्म के लिए खड़े हों! कृपया एमके स्टालिन के इस हिंदू विरोधी फैसले के खिलाफ तुरंत मद्रास उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करें.”

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, उन्होंने लिखा, अनुमति देने से इनकार करने पर तमिलनाडु पुलिस का एक नया नियम: निजी स्कूल जो अपने स्कूल परिसर के भीतर भी अयोध्या में अभिषेक का जश्न मनाना चाहते हैं, उन्हें जिला कलेक्टर या से अनुमति लेनी होगी. द्रमुक सरकार को पुलिस विभाग को अपने प्रतिनिधि के रूप में इस्तेमाल करना बंद करना चाहिए और भगवान श्री राम के भक्तों को परेशान करना बंद करना चाहिए.

स्टालिन पर सनातन धर्म विरोधी रुख अपनाने का आरोप

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने आगे आरोप लगाया कि डीएमके सरकार ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मंदिरों में विशेष पूजा और अन्नधन पर व्यापक प्रतिबंध लगाकर घोर सनातन धर्म विरोधी रुख अपनाया है. अन्नामलाई के अनुसार, हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग ने मौखिक रूप से अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

भाजपा में राज्य के लोगों के साथ, भगवान श्री राम के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए, अयोध्या में ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मनाने के लिए राज्य भर के सभी मंदिरों में विशेष पूजा और भजन आयोजित करेगी.

इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु सरकार पर 200 से अधिक मंदिरों में अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया. उन्होंने कानून और व्यवस्था की चिंताओं का हवाला देते हुए दावा किया कि राज्य भगवान राम के नाम पर धार्मिक गतिविधियों को दबा रहा है. तमिलनाडु के मानव संसाधन मंत्री पी के शेखर बाबू ने आरोपों से इनकार किया और उन्हें निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया.

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