Cloud Storage बना साइबर हैकर्स का पसंदीदा टारगेट, आपके डेटा पर ऐसे हो रहा अटैक
एक मल्टीनेशनल फर्म की स्टडी ने साइबर अटैक को लेकर बड़ा खुलासा किया है. भारत में होने वाले साइबर अटैक में सबसे ज्यादा टारगेट ‘क्लाउड रिसोर्स’ को किया जाता है. सरकार से लेकर छोटी-बड़ी कंपनी डेटा स्टोर करने के लिए क्लाउड स्टोरेज का सहारा लेती हैं. साइबर हैकर्स के लिए यही क्लाउड स्टोरेज सबसे पसंदीदा टारगेट बन गया है. जिस तरह डेटा स्टोर करने के लिए क्लाउड स्टोरेज पर निर्भरता बढ़ती जा रही है, इसका नंबर वन साइबर टारगेट बनना बड़ा खतरा पैदा करता है.
थेल्स ने 2024 थेल्स क्लाउड सिक्योरिटी स्टडी जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी है. यह स्टडी 18 देशों की 37 इंडस्ट्रीज के लगभग 3,000 आईटी और सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स के सर्वे के आधार पर लेटेस्ट क्लाउड सिक्योरिटी थ्रेट्स, ट्रेंड और उभरते रिस्क का सालाना एनालिसिस है.
क्लाउड स्टोरेज सिक्योरिटी पर सबसे ज्यादा खर्च
थेल्स के मुताबिक, ग्लोबल सर्वे पर बेस्ड इस स्टडी में 2,961 लोगों ने सवालों के जवाब दिए. इस स्टडी का मकसद सिक्योरिटी और आईटी मैनेजमेंट में प्रोफेशनल्स पर फोकस करना था. स्टडी में सामने आया कि भारत में साइबर हमलों के लिए क्लाउड रिसोर्स सबसे बड़ा टारगेट है.
क्लाउड स्टोरेज साइबर अटैक के लिहाज से बहुत सेंसिटिव सर्विस है. इसलिए इसकी सुरक्षा का पुख्ता होना बेहद जरूरी है. स्टडी में सामने आया कि क्लाउड सिक्योरिटी का खर्च अब बाकी सिक्योरिटी खर्च कैटेगरी में सबसे ऊपर है.
भारत में जिन लोगों से सवाल पूछे गए उनमें से लगभग आधे (46 फीसदी) लोगों ने बताया कि क्लाउड में स्टोर सारा कॉर्पोरेट डेटा संवेदनशील है. स्टडी में शामिल 37 फीसदी संगठनों ने भारत में क्लाउड डेटा पर अटैक का एक्सपीरियंस किया है, जिनमें से 14 फीसदी लोगों ने पिछले साल ही इस चीज का सामना किया था.
इन खामियों का फायदा उठाते हैं हैकर्स
इंसान से होने वाली गलती (ह्यूमन एरर) और गलत कॉन्फिगरेशन क्लाउड सर्विस ब्रीच में 34 फीसदी के साथ सबसे बड़ा कारण है. इसके बाद जिन कमजोरियों का पहले से ना पता हो उनका फायदा उठाना (32 फीसदी), जिन कमजोरियों का पहले से पता हो उनका फायदा उठाना (21 फीसदी) और मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के फेल होने (11 फीसदी) का नंबर आता है.
क्लाउड स्टोरेज क्या है?
क्लाउड स्टोरेज को आसान भाषा में समझें तो यह एक तरह की ऑनलाइन अलमारी है. आप अपनी तस्वीरें, डॉक्यूमेंट्स, वीडियो और अन्य फाइल्स इस ऑनलाइन अलमारी में रख सकते हैं. आपके लिए यह अलमारी ही ‘क्लाउड स्टोरेज’ है.
क्लाउड स्टोरेज कैसे काम करता है?
आप अपनी फाइल्स इंटरनेट के जरिए क्लाउड स्टोरेज में अपलोड करते हैं.
ये फाइल्स किसी बहुत बड़े डेटा सेंटर में सुरक्षित रूप से स्टोर होती हैं, जिसे ‘क्लाउड’ कहा जाता है.
आप किसी भी डिवाइस, जैसे- मोबाइल, लैपटॉप, या कंप्यूटर से इंटरनेट के जरिए अपनी क्लाउड में सेव किसी भी फाइल तक पहुंच सकते हैं.
जिन क्लाउड स्टोरेज सर्विस का आम लोग काफी ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उनमें Google Drive, Dropbox, Microsoft OneDrive, iCloud, Amazon Drive आदि शामिल हैं.