संकटमोचक बनकर आया तटरक्षक बल, लक्षद्वीप में फंसी मछली पकड़ने वाली नाव का किया रेस्क्यू
तेजी से समन्वित बचाव अभियान में, मिनिकॉय द्वीप से 48 एनएम दूर, भारतीय तटरक्षक जहाज समर्थ अंधेरे में पहुंचा। इसके बाद स्थिति का घंटों मूल्यांकन किया और सुधार के लिए अपनी तकनीकी टीम को तैनात कर दिया।
भारतीय तटरक्षक बल ने एक मछली पकड़ने वाली नाव को खींचने में सहायता प्रदान की। बताया जा रहा है कि यह नाव इंजन में खराबी के कारण गुरुवार से लक्षद्वीप में मिनिकॉय द्वीप के दक्षिण-पश्चिम में 50 समुद्री मील की दूरी पर भटक रही थी।
भारतीय तटरक्षक बल ने कहा कि नाव को समुद्र की कठिन परिस्थितियों में खींच लिया गया और सुरक्षा के लिए मिनिकॉय लाया गया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, तमिलनाडु के थूथुकुडी से चल रही भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव अरुल माथा (IND-TN-12-MM-5207) का इंजन फेल हो गया था और वह समुद्र में फंस गई थी। बताया जा रहा है कि इसमें नौ चालक दल के सदस्य शामिल थे।
तेजी से समन्वित बचाव अभियान में, मिनिकॉय द्वीप से 48 एनएम दूर, भारतीय तटरक्षक जहाज समर्थ अंधेरे में पहुंचा। इसके बाद स्थिति का घंटों मूल्यांकन किया और सुधार के लिए अपनी तकनीकी टीम को तैनात कर दिया। इस दौरान पता चला कि नाव का इंजन बंद हो गया था और समुद्र में मरम्मत संभव नहीं थी फिर स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, आईसीजी जहाज ने नाव को मिनिकॉय हार्बर में सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए टो जोड़ा।
24 घंटे से अधिक लगा समय
24 घंटे से अधिक समय तक चले लगातार ऑपरेशन के बाद, भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव को उसके चालक दल के साथ सुरक्षित स्थिति में एल एंड एम मत्स्य पालन विभाग को सौंप दिया गया। समुद्र में मछुआरों की सहायता करने में भारतीय तटरक्षक बल के दृढ़ संकल्प और त्वरित प्रतिक्रिया ने उन्हें मछुआरों के बीच समुद्र के प्रहरी के रूप में पहचान दिलाई है, जो इसके आदर्श वाक्य, “वयं रक्षामः” के अनुरूप है।