कांग्रेस के पाप कम हो जाते, अगर अयोध्या…, राम मंदिर का न्योता ठुकराने पर CM हिमंता ने बोला हमला
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे भाजपा और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों में राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो रही है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने से इनकार करने पर कांग्रेस पार्टी को घेरा है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने पापों को कम करने का एक सुनहरा मौका गंवा दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी राम मंदिर न्योते की हकदार भी नहीं है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि विहिप ने श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने का निमंत्रण देकर कांग्रेस पार्टी को अपने पाप कम करने का एक सुनहरा मौका दिया था. हालांकि, मेरी विनम्र राय में वे पहले स्थान पर इस तरह के निमंत्रण के लायक नहीं हैं, क्योंकि उनके विचार शुरू से ही राम मंदिर के खिलाफ रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को राम मंदिर उद्घाटन को आरएसएस और भाजपा का कार्यक्रम कहा था. साथ ही भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर चुनावी लाभ लेने के लिए इस कार्यक्रम को एक राजनीतिक परियोजना बनाने का आरोप भी लगाया था. कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है, लेकिन आरएसएस और भाजपा ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर का राजनीतिक प्रोजेक्ट तैयार किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस की ओर से अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया गया है.
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि कांग्रेस न्योते को स्वीकार करके हिंदू समुदाय से माफी मांग सकती थी. इस दौरान सीएम सरमा ने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के समय का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जैसा पंडित नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के साथ किया था, वैसे ही अब कांग्रेस नेतृत्व ने राम मंदिर के साथ किया है. अब इतिहास कांग्रेस को हिंदू विरोधी पार्टी के रूप में ही जानेगा.