बंगाल के बकाया के मसले पर विवाद जारी, केंद्रीय मंत्री के आरोप के बाद TMC सांसद ने कही ये बात
पश्चिम बंगाल की ओर से लगातार ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार की ओर से उसकी लंबित बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है. इस मसले पर पिछले महीने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली आकर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी. अब सीएम ममता की ओर से लंबित बकाये पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात के कुछ दिनों बाद, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ’ ब्रायन ने गुरुवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र और राज्य के अधिकारियों के बीच जल्द एक बैठक होगी और समस्या का समाधान हो जाएगा.
डेरेक ओ’ ब्रायन ने गुरुवार को कहा, “पीएम मोदी की ओर से यह आश्वासन दिया गया था कि लंबे समय से लंबित फंड के मुद्दे पर केंद्र और राज्य के अधिकारियों की एक बैठक होगी. हमें यह उम्मीद है कि बैठक जनवरी में होगी. राज्य को मनरेगा और अन्य योजनाओं के तहत बंगाल का बकाया तुरंत चुका दिया जाएगा.”
PMAY-MGNREGA समेत फंड नहीं मिले
पश्चिम बंगाल सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार पर राज्य का PMAY के तहत 9,330 करोड़ रुपये, MGNREGA के तहत 6,900 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission, NHM) के तहत 830 करोड़ रुपये, पीएम ग्राम सड़क योजना (M Gram Sadak Yojna) के तहत 770 करोड़ रुपये, स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के तहत 350 करोड़ रुपये और मिड डे मिल के लिए 175 करोड़ रुपये के साथ ही कई अन्य योजनाओं के तहत फंड बकाया हैं.
राज्य सरकार का कहना है कि जीएसटी मुआवजा, हस्तांतरण, प्रदर्शन अनुदान और अन्य मदों समेत कुल 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. सीएम बनर्जी ने पिछले महीने 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और लंबित केंद्रीय फंड के मुद्दे पर चर्चा की थी. बैठक के बाद सीएम ममता ने कहा था कि पीएम मोदी ने प्रस्ताव दिया कि केंद्र और राज्य के अधिकारी इस मसले पर एक साथ बैठ सकते हैं और मुद्दों को सुलझा सकते हैं.
अभी तक नहीं आए अफसरः केंद्रीय मंत्री गिरिराज
हालांकि 2 दिन पहले मंगलवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि राज्य के अधिकारी अभी तक केंद्र सरकार के अधिकारियों तक नहीं पहुंच सके हैं. गिरिराज ने इस प्रस्तावित बैठक से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, “हमारे अधिकारी तैयार हैं, उनके अधिकारी आएंगे और हम इस संबंध में बात करेंगे. हालांकि उनके अधिकारी अभी तक हमारे पास नहीं आए हैं, उन्हें इन सबमें कोई दिलचस्पी नहीं है, वे सिर्फ इसका राजनीतिकरण करना चाहते हैं.”
पिछले साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर, टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी समेत टीएमसी के कई सांसदों के साथ-साथ राज्य के MGNREGA श्रमिकों ने दिल्ली के राजघाट पर बकाया पैसे का मुद्दा उठाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था. फिर 3 अक्टूबर को, उन्होंने दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद पार्टी सांसदों और कुछ कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से उनके कृषि भवन कार्यालय में मिलने गया, जहां से उन्हें जबरन बाहर निकाल दिया गया और हिरासत में ले लिया गया.