देश में तेजी से फैल रहा कोरोना… नए वेरिएंट के इतने मामले आए सामने, WHO ने चेताया
देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. ऐसे में 21 दिसंबर तक कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 के अब तक 22 मामले सामने आए हैं.
इस बीच बीते 24 घंटों में कोरोना के 265 नए मामले सामने आए हैं, जबकि एक शख्स की मौत हुई है. JN.1 वेरिएंट का सबसे पहला मामला केरल से ही सामने आया था.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक कोरोना के कुल एक्टिव केस 2,997 हो गए हैं. इससे पहले गुरुवार को देश में कोरोना के 594 नए मामले सामने आए थे.
इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामिनाथन ने कहा कि फिलहाल डरने की कोई जरूरत नहीं है. हालांकि, एहतियात के उचित कदम उठाए जाने चाहिए.
वहीं, सौम्या स्वामिनाथन ने कहा कि हमें सचेत होने की जरूरत है लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारे पास फिलहाल कोई डेटा नहीं है कि JN.1 वेरिएंट अधिक गंभीर है या इससे अधिक मौतें होंगी.
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग ने गुरुवार को एडवाइजरी में कहा कि अगर हल्की सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम और गले में खराश से पीड़ित मरीज समय पर चिकित्सकीय सलाह लें तो बीमारी को प्रभावी ढंग से और तुरंत नियंत्रित किया जा सकता है. एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं, तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की सलाह के अनुसार कोविड-19 का परीक्षण और उपचार समय पर किया जाना चाहिए.
भीड़ में मास्क लगाने की सलाह’
स्वास्थ्य विभाग और WHO का कहना है कि फिलहाल पैनिक होने की जरूरत नहीं हैं. बस सावधानी जरूर बरतें. WHO ने बुधवार को कोरोना को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया है. गाइडलाइन में कहा है कि भीड़भाड़ वाले या बंद स्थान और दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क जरूर पहनें. सोशल डिस्टेंसिंग को भी आदत में डालें. यह जरूरी भी है. कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के मरीज बढ़ने के बाद कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में एडवाइजरी जारी की गई है.
केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली और गोवा में बढ़े केस
केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली और गोवा में नए सब-वैरिएंट के कोविड मामले सामने आए हैं.उधर, गोवा में एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि कोरोना के सैंपलों में सब-वैरिएंट जेएन.1 पाया गया है. लेकिन ये पुराने मामले हैं और अब सक्रिय नहीं हैं. इस प्रकार का पहला मामला 8 दिसंबर को केरल में पाया गया था, जिसके बाद केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निरंतर निगरानी बनाए रखने का आग्रह किया था.