कोविड-19 ने बढ़ा दिया इन गंभीर विकारों का जोखिम, हल्के लक्षण का शिकार रहे लोग भी सुरक्षित नहीं

दूनियाभर में कोरोना की स्थिति फिलहाल काफी नियंत्रित दिख रही है। ओमिक्रॉन के JN.1 सब-वैरिएंट के कारण कई देशों में अचानक से बढ़े संक्रमण की रफ्तार पर काबू पा लिया गया है। कोरोना को लेकर हाल ही में हुए अध्ययनों में बताया गया है कि नए वैरिएंट्स के कारण संक्रमण की रफ्तार तो अधिक हो सकती है पर संक्रमितों में गंभीर रोगों का खतरा समय के साथ कम हो गया है।

हालांकि कुछ अध्ययन लगातार कोरोना संक्रमण के कारण होने वाले लॉन्ग कोविड के खतरे को लेकर अलर्ट करते रहे हैं। पोस्ट कोविड या लॉन्ग कोविड की समस्या कुछ महीनों से लेकर सालभर तक बनी रह सकती है।

कोरोना और इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर हाल ही में किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि अब तक पोस्ट कोविड में हृदय रोग, ब्रेन की समस्याओं को लेकर चिंता जताई जा रही थी, हालांकि इसके जोखिम यहीं तक सीमित नहीं हैं। कोरोना के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों के कारण बड़ी संख्या में लोगों में पाचन की दिक्कतें भी देखी जा रही हैं।

 

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