तीन साल के अंदर होगा क्रिमिनल केस का निपटारा, पूरे देश में जल्द लागू होंगे तीनों नए कानून- अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को तीनों क्रिमिनल लॉ के इंपलीमेंटेशन के लिए चंडीगढ़ में समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगले साल 22 दिसंबर से पहले ये कानून पूरे देश की यूनियन टेरिटरीज में लागू कर दिए जाएंगे. हम कानून बनाने से पहले 99 प्रतिशत से ज्यादा पुलिस स्टेशनों को ऑनलाइन जोड़ चुके हैं. शाह ने कहा कि ऑनलाइन सिस्टम से अदालतों का डाटा और काम ऑनलाइन कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि नार्को और फॉरेंसिक का डाटा भी ऑनलाइन कर दिया गया है. दिसंबर 2024 तक भारत की अपनी नई आपराधिक न्याय प्रणाली होगी. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि संसद में तीन क्रिमिनल लॉ को हमने लागू किया है. इंटीग्रेटेड क्रिमिनल सॉफ्टवेयर से पूरे देश की राज्यों की पुलिस को जोड़ने का मूल हमने इसमें डाला है. ये लागू होने के बाद पूरे देश में क्रिमिनल केस का निपटारा तीन साल के अंदर होगा.
अमित शाह ने विपक्ष पर बोला हमला
इन कानूनों को लेकर कई एक्सपर्टस से हमने बात की. इस दौरान शाह ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिल बनाकर गृह विभाग की स्टैंडिंग कमेटी को दिया और उनके संसोधन के आधार पर हमने बदलाव किए. हमने प्रयास किया कि विपक्ष के विचार भी इसमें आए. लेकिन विपक्ष ने बहाने बनाकर सदन का बहिष्कार किया और बाहर जाकर उपराष्ट्रपति की मिमिक्री कर रहे थे.
BJP ने कभी नहीं किया संवैधानिक पदों का अपमान
राहुल गांधी खड़े होकर संवैधानिक पद का मजाक बना रहे थे. संवैधानिक पद देश में संविधान, कानून का सम्मान और लागू करने के लिए होता है. बीजेपी ने कभी संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का अपमान नहीं किया लेकिन इन लोगों ने विपक्ष के नाम पर देश के संवैधानिक पदों का मजाक बनाया और इन महत्वपूर्ण बिलों की डिबेट में भी शामिल नहीं हुए. 1 साल के भीतर ये कानून पूरे देश की यूनियन टेरिटरीज में लागू कर दिए जाएंगे.
चंडीगढ़ अपने-आप में एक कंप्लीट शहर
अमित शाह ने कहा कि चंडीगढ़ एक मायने में अपने-आप में एक कंप्लीट शहर है. आधुनिक शहर की कल्पना के साथ इस शहर को बनाया गया. लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से अब और शहर भी स्मार्ट बन रहें हैं. ऐसे में चंडीगढ़ को प्रतिस्पर्धा में बने रहने होगा. चंडीगढ़ पुलिस ने मेरी ई-बीट की सोच को असल में उतारा और आज कई राज्यों में ये कॉन्सेप्ट यहीं के आधार पर चल रहे हैं. डीआरडीओ ने तकनीक को बढ़ाने के लिए बेहतरीन काम किया है.
संसद से तीनों विधेयक पास
बता दें कि संसद के दोनों सदनों द्वारा तीन संशोधित आपराधिक कानून विधेयक पारित हो गए हैं. इसके साथ ही अब भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की जगह भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) संहिता लेगी.