पूर्व WFI प्रमुख पर यौन उत्पीड़न मामले में क्लोजर रिपोर्ट पर अब फैसला 2 मार्च को, नाबालिग पहलवान ने लगाया था आरोप

भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख और BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ, दर्ज POSCO के मामले मे दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल कैंसिलेशन रिपोर्ट पर पटियाला हाउस कोर्ट अब 2 मार्च को अपना फैसला सुनाएगा. इससे पहले 25 नवंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने 11 जनवरी को इस मामले पर अपना फैसला सुनाने की तारीख तय की थी. आपको बता दें कि कुछ नाबालिग महिला खिलाडियों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे.

हालांकि की बाद में पॉक्सो के मामले में नाबालिग द्वारा अपनी शिकायत वापस लेने के बाद दिल्ली पुलिस ने शिक़ायतकर्ता के बयान दर्ज कैंसिलेशन रिपोर्ट पर दाखिल की थी. पटियाला हाउस कोर्ट को शिक़ायतकर्ता के बयान और दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल क्लोजर रिपोर्ट पर फैसला सुनाना था, क्लोजर रिपोर्ट पर शिकायतकर्ता नाबालिग पहलवान ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी.

क्लोजर रिपोर्ट पर दो मार्च को होगा फैसला

बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक नाबालिग पहलवान की शिकायत को रद्द करने की मांग करने वाली पुलिस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या नहीं, इस पर दिल्ली की एक अदालत 2 मार्च को अपना आदेश सुना सकती है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश छवि कपूर, जो गुरुवार को आदेश पारित करने वाली थीं, ने कहा कि मामले में कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता है.

दिल्ली पुलिस ने 15 जून, 2023 को नाबालिग द्वारा मामला रद्द करने की मांग करते हुए अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दायर की थी. मामले को बंद करने की रिपोर्ट तब दायर की गई जब नाबालिग के पिता ने दावा किया कि उसने अपने साथ कथित अन्याय को लेकर सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

नाबालिग ने बाद में शिकायत ले ली थी वापस

बता दें कि बृजभूीषण शरण सिंह पर कई पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वालों में एक नाबालिग महिला पहलवान भी थी. हालांकि बाद में इस नाबालिग पहलवान ने अपने बयान में बदलाव किया था. नाबालिग के पिता ने कहा था कि उसने गुस्से में बीजेपी सांसद के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.

बता दें कि नाबालिग पहलवान की ओर से दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी. भाजपा सांसद के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में नाबालिग ने थाने में दर्ज मामला वापस ले ली थी. उसके बाद पुलिस ने इस मामले में अपनी क्लोजर रिपोर्ट दर्ज की थी. पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट के बावजूद कोर्ट इस मामले को स्वीकार करती है या नहीं. इस पर कोर्ट फैसला करेगी.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *