Dengue and Chandipura Virus : चांदीपुरा वायरस और डेंगू के लक्षणों में क्या है अंतर, एक्सपर्ट्स से जानें
देश में चांदीपुरा वायरस और डेंगू दोनों के ही केस बढ़ रहे हैं. चांदीपुरा वायरस ज्यादा खतरनाक है और इससे कई बच्चों की मौत हो गई है. चांदीपुरा वायरस के सबसे ज्यादा मामले गुजरात में आ रहे हैं. यह वायरस दूसरे कई राज्यों में भी फैल गया है. इस बीच डेंगू के केस भी बढ़ रहे हैं. हालांकि डेंगू से मौत के मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन केस बढ़ रहे हैं. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि चांदीपुरा वायरस और डेंगू के कुछ लक्षण एक जैसे होते हैं. ऐसे मे इनमें अंतर करना जरूरी है.
मेडिसिन के डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं कि चांदीपुर वायरस से संक्रमित होने पर तेज़ बुख़ार सिर में दर्द और साथ में सांस लेने में परेशानी हो सकती है. चांदीपुर दिमाग़ पर असर करता है. डेंगू में सांस लेने में परेशानी नहीं होती और डेंगू का बुख़ार किसी को भी हो सकता है लेकिन चांदीपुरा के लक्षण बच्चों में ही नज़र ज़्यादा आते हैं.
कैसे फैलता है चांदीपुरा वायरस
चांदीपुरा वायरस संक्रमित मक्खी या मच्छर के काटने से फैलता है. ये वायरस बच्चे के शरीर में जाकर पहले लंग्स पर अटैक करता है और उसके बाद दिमाग में चला जाता है. अगर वायरस का असर दिमाग पर हो जाए तो यह इंसेफेलाइटिस यानी दिमागी बुखार की तरह गंभीर लक्षण पैदा करता है. इस स्थिति में मरीज की जान बचाना एक चुनौती होता है. चूंकि चांदीपुरा वायरस की कोई वैक्सीन या निर्धारित इलाज नहीं है. ऐसे में मरीज के लक्षण के आधार पर इसको काबू में किया जाता है.
डेंगू के लक्षण
अधिकतर मरीजों में डेंगू होने पर बुखार और मांसपेशियों में दर्द होता है. डेंगू कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाता है और गंभीर लक्षण पैदा नहीं करता है. हालांकि कुछ मामलों में डेंगू से शॉक सिंड्रोम हो जाता है. यह जानलेवा हो सकता है. डेंगू में शरीर में प्लेटलेट्स भी तेजी से कम हो सकती है. अगर ये 40 हजार से कम हो जाए तो मरीज को खतरा रहता है. डेंगू और चांदीपुरा में बड़ा अंतर यह है कि चांदीपुरा वायरस में डेथ रेट डेंगू की तुलना में अधिक है. चांदीपुरा में दिमागी बुखार मौत का कारण बन सकता है. डेंगू में इस तरह के गंभीर लक्षण कम ही देखे जाते हैं.
कैसे करें बचाव
पूरी बाजू के कपड़े पहनें
आसपास पानी जमा न होने दें
रात में मच्छरदानी का प्रयोग करें
खानपान का ध्यान रखें