Dengue in India : बारिश, बाढ़ बढ़ा रहे डेंगू का खतरा, बचना है तो डॉक्टरों की इन बातों को मान लें
देश के कई इलाकों में इस समय बाढ़ आई हुई है. बारिश और बाढ़ डेंगू जैसी बीमारी का खतरा भी बढ़ा देते हैं. जब बाढ़ वाले इलाकों में पानी का जमाव हो जाता है तो वहां डेंगू के मच्छर पनपने लगते हैं और डेंगू के बुखार का कारण बनते हैं. कुछ मामलों में डेंगू जानलेवा भी हो सकता है. ऐसे में इससे बचाव करना जरूरी है. WHO के अनुसार, दुनिया की लगभग आधी आबादी अब डेंगू के खतरे में है, आशंका है कि हर साल 100-400 मिलियन लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं. ऐसे में इसके कारण, लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी होना जरूरी है.
धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन विभाग में डॉ. गौरव जैन बताते हैं कि डेंगू के लिए चार वायरस जिम्मेदार होते हैं. इनको डीईएनवी-1, 2, 3 और डीईएनवी-4 कहा जाता है. यह वाइरस मच्छर के काटने से व्यक्ति के शरीर में जाते हैं और पूरे शरीर में फैल जाते हैं जो डेंगू बुखार के रूप में सामने आते हैं. डेंगू का संक्रमण होने पर 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार होता है. इसके साथ ही मचलना, सिर दर्द होना, हड्डियों में दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते भी हो सकते हैं. अगर किसी व्यक्ति को ये लक्षण दिखते हैं तोडॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
डेंगू का इलाज क्या है
नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम में मेडिसिन विभाग के डॉ. डॉ. पंकज वर्मा बताते हैं कि डेंगू होने पर वह दवाइयां और इंजेक्शन से मरीज का इलाज किया जाता है. अगर किसी मरीज को ज्यादा डिहाईड्रेशन है तो आईवी ड्रॉप भी दी जाती है. डेंगू के दौरान हमेशा यह ध्यान रखना होता है कि मरीज के शरीर में पानी की कमी न हो. मरीजों को यह भी सलाह दी जाती है कि डेंगू होने पर घरेलू नुस्खों के फेर में न फंसे. अगर बुखार तेज है और उल्टी दस्त की समस्या है तो ये डेंगू के गंभीर लक्षण हो सकते हैं. इस स्थिति में आपको अस्पताल जाना चाहिए.
डेंगू से बचाव कैसे करें
डेंगू से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण है मच्छरों से बचकर रहें. अपने आसपास ज्यादा दिन तक पानी को जमा ना होने दें. अपनी स्किन को ढककर रखें. रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखें और स्वस्थ रहें.