ध्रुवपद गायक लक्ष्मण भट्ट तैलंग का निधन, कुछ दिनों पहले ही पद्मश्री के लिए नाम का हुआ था एलान

मशहूर ध्रुवपद गायक लक्ष्मण भट्ट तैलंग का जयपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है. वो 95 साल के थे. कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मश्री अवॉर्ड देने का एलान किया था. लक्ष्मण भट्ट तैलंग के सीने में इंफेक्शन था, जिसके इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

हालांकि डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके और शनिवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया. उनके परिवार के मुताबिक ब्रह्मपुरी इलाके में उनका अंतिम संस्कार किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ वक्त पहले उन्हें नोमोनिया हो गया था. इसके अलावा भी उन्हें कुछ और उम्र संबंधित बीमारियां थीं.

पद्मश्री मिलने वाला था

केंद्र सरकार ने 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का एलान किया था. उस दिन पद्मश्री अवॉर्ड के लिए ध्रुवपदाचार्य लक्ष्मण भट्ट तैलंग के नाम का भी एलान किया गया था. हालांकि वो पुरस्कार ग्रहण करते इससे पहले ही वो चल बसे.

लक्ष्मण भट्ट तैलंग को क्लासिकल संगीत का मास्टर कहा जाता था. उन्हें गायकी के एक नए रूप ‘पचरंग’ को बनाने के लिए पहचाना जाता था. लक्ष्मण भट्ट तैलंग के पिता पंडित माधो भट्ट तैलंग भी एक मशहूर ध्रवपद गायक रहे. घर में बचपन से ही उन्हें ध्रवपद संगीत का माहौल मिला और वो इसे में रच बस गए. आपको बता दें कि लक्ष्मण भट्ट तैलंग का जन्म 1924 में हुआ था.

संगीत में बसी रही दुनिया

लक्ष्मण भट्ट तैलंग की दुनिया संगीत के इर्द गिर्द ही रही. उन्होंने अपने पिता से जो सीखा अपने बच्चों को भी सिखाया. बेटे रवि शंकर, बेटी शोभा, उषा, निशा, मधु, पूनम और आर्ती ने भी ध्रुवपद संगीत सीखा है. उन्होंने बनास्थली विद्यापीठ और राजस्थान म्यूजिक इंस्टिट्यूट में संगीत लेक्चरर के तौर पर अपनी सेवाएं भी दीं.

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