ट्रेन में पेट्स लगेज वाले डिब्‍बे में जाते हैं या साथ में, क्‍या हैं नियम?

ट्रेन में सफर के लिए यात्री अपनी सुविधा अनुसार स्‍लीपर क्‍लास से लेकर एसी तक का टिकट बुक कराकर यात्रा करता है. यात्रियों के मन यह सवाल अकसर उठता होगा कि अगर किसी को अपना पातलू जानवर ट्रेन से ले जाना है तो उसे कैसे ले सकता है?

क्‍या लगेज वाले कोच में छोड़ना होता है या फिर कोच में अपने साथ ले जा सकते हैं. इस संबंध में रेलवे के नियम क्‍या कहते हैं?

उत्‍तर रेलवे के मुख्‍य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार बताते हैं कि अगर किसी को पालतू जानवर ट्रेन से ले जाना है तो संबंधित व्‍यक्ति के पास उस ट्रेन का कंफर्म टिकट होना चाहिए, यात्रा वाले दिन ट्रेन के चलने से पहले पहुंचना होता है और पार्सल कार्यालय जाकर पालतू जानवर को ट्रेन से ले जाने की स्लिप कटवानी होती है. इसमें ट्रेन नंबर, यात्रा शुरू होने और खत्‍म होने की डिटेल्स दर्ज होंगी. इसके बाद गार्ड के पास जाकर स्लिप दिखाएं. गार्ड के कोच में पिंजरेनुमा डॉग बाक्‍स होता है. इस बाक्‍स में पालतू जानवर को बंद कर दिया जाता है. इसके बाद आप अपनी सीट पर जाकर यात्रा कर सकते हैं और बीच-बीच में ट्रेन रुकने पर पालतू जानवर के पास जा सकते हैं.

कोच में साथ ले जाने की क्‍या है व्‍यवस्‍था

पालतू जानवर को साथ ले जाने के दो तरीके होते हैं. पहला आपको फर्स्‍ट एसी का कंफर्म टिकट लेना होता है. इसके बाद पालतू जानवर की स्लिप कटवानी होती है, इसके साथ कोच में ले जा सकते हैं, लेकिन इसमें यह नियम है कि आपके आसपास के यात्रियों को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. दूसरा तरीका है कि कि आप फर्स्‍ट एसी में दोनों बर्थ का कूपे बुक कराएं. इसके बाद कूपे में ले जा सकते हैं. इस बात का ध्‍यान रखना होगा कि आपको पार्सल आफिस से पालतू जानवर के लिए स्लिप जरूर कटवानी होती है.

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