आप भी देखते हैं मोबाइल पर एडल्ट Reels? जान लिजिए कितना घातक है आपके स्वास्थ्य और भविष्य के लिए

टेक्नोलॉजी के इस जमाने में इंटरनेट पर हर तरह का कंटेंट उपलब्ध है। वहीं वेब कनेक्शन की तेजी ने एडल्ट कंटेंट तक युवाओं की पहुंच को आसान बना दिया है। कई लोग मोबाइल पर एडल्ट Reels देखते हैं।

धीरे धीरे उनकी यह आदत लत में बदल जाती है। लेकिन यह आदत आपके भविष्य और शरीर के लिए घातक साबित हो सकती है। एडल्ट Reels देखने के ऐसे और भी कई नुकसान जिनका हमारी सेहत और स्ट्रेस से सीधा कनेक्शन होता है।

आपराधिक प्रवृति के चांस

एडल्ट कंटेंट की तुलना आप एल्कोहल के सेवन से कर सकते हैं। ये हर इंसान के लिए बुरा नहीं है, लेकिन कुछ रिस्क फैक्टर और पूरी तरह से एडल्ट पर निर्भर लोगों को यौन हिंसा जैसा अपराध करने के लिए बढ़ावा दे सकता है। एडल्ट कंटेंट और यौन हिंसा पर कई स्टडीज ने इसके संकेत दिए हैं कि ऐसे लोगों में अपराध करने की संभावना ज्यादा रहती है।

बन सकते हैं निराशावादी

एक रिपोर्ट के मुताबिक, एडल्ट Reels की लत में पड़े लोगों के जीवन में फाइनेंशियल, रिलेशनशिप और रोजगार से जुड़ी परेशानियां ज्यादा रहती हैं। एक्सपर्ट अनुसार, हमारा नर्व सिस्टम डोपामाइन नाम का एक न्यूरोट्रांसमीटर प्रोड्यूस करता है। ये हमारे दिमाग के आशावादी व्यवहार का प्रमुख घटक है। वहीं एडल्ट डोपामाइन रिलीज को गैर-व्यावहारिक रूप से ट्रिगर करता है, जो इंसान को निराशावादी बना सकता है।

गंवा सकते हैं मेहनत की कमा

हम जैसा कंटेंट देखने से तो हमारे सोशल मीडिया पर उसी से जुड़े विज्ञापन आने लगते हैं। जिसके कई लोग झांसे में फंस जाते हैं और विज्ञापन के आधार पर हजारों रुपए की दवाइयां मंगा लेते हैं। इन दवाइयों से कोई फायदा नहीं होता और पैसों का भी नुकसान होता है।

सतर्कता रखने की जरूरत

यू-ट्यूब से लेकर सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर होने वाली गतिविधि को सर्च इंजन ऑनलाइन ट्रैक कर रहा है। इसका ही नतीजा है कि हमारी सर्च हिस्ट्री या अधिकतर देखे जाने वाले कंटेंट के हिसाब से ही हमारे सामने कंटेंट परोसा जाता है। इसीलिए ज्यादा सतर्कता रखने की जरूरत है।

गलत रास्ते पर जाने का खतरा

साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि इंटरनेट से के चलते हमारे बच्चों की एडल्ट कंटेंट तक पहुंच आसान हो गई है। इस कारण उनके गलत रास्ते पर जाने का खतरा बढ़ गया है। एक वजह यह भी है कि किशोरों में हर चीज जानने की जिज्ञासा अधिक होती है। खास तौर पर पेरेंट्स, जिन चीजों को करने से मना करते हैं, उन्हें बच्चे ज्यादा करते हैं।

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