बच्चे को पिलाती हैं बोतल से दूध? ये गलतियां की तो सेहत को होगा नुकसान
जन्म से छह महीने तक बच्चे के लिए मां का दूध ही संपूर्ण आहार माना जाता है, इसलिए डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं कि बच्चे को मां का दूध पिलाना चाहिए. हालांकि कई बार मां के दूध का प्रोडक्शन सही से न होने पर या फिर कोई और समस्या की वजह से बच्चे को दूध से बोतल से भी दूध पिलाना पड़ता है. अगर आप बच्चे को बोतल से दूध पिलाती हैं तो इस दौरान कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी होता है, नहीं तो इससे बच्चे की सेहत को नुकसान भी हो सकता है.
वैसे तो बच्चे को बोतल से दूध पिलाने से बचना चाहिए, लेकिन अगर किसी वजह से बच्चे को बोतल से दूध पिलाना पड़ रहा है तो कुछ बातों को ध्यान में जरूर रखें नहीं तो बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है और कई मामलों में स्थिति काफी गंभीर भी हो सकती है.
हाइजीन का ध्यान न रखना
बच्चे को बोतल से दूध पिला रही हैं तो हाइजीन का खास ध्यान रखें, क्योंकि छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और उन्हें इससे संक्रमण होने का खतरा रहता है. इसके लिए बच्चे को दूध देने से पहले बोतल को अच्छी तरह से साफ कर लें. इसके अलावा बोतल का पानी में डालकर उबालकर क्लीन करें. बच्चों की बोतल साफ करने वाले ब्रश को साफ जगह पर अलग रखें. दूध बनाने से पहले हाथों को क्लीन करें. कई ऐसे सूक्ष्म किटाणु होते हैं जो आंखों से दिखाई नहीं देते हैं. इसलिए आप स्टेरलाइजर खरीद सकती हैं, ताकि बोतल पर मौजूद बैक्टीरिया को पूरी तरह से साफ किया जा सके.
एक ही बोतल का लंबे समय तक यूज करना
मिल्क फीडिंग बोतल ज्यादातर प्लास्टिक की होती हैं, इसलिए एक अंतराल के बाद इसे बदलना जरूरी होता है, क्योंकि ज्यादातर प्लास्टिक की बोतलों में बीपीए कोटिंग की जाती है. कई बार लोग एक ही बोतल का लंबे वक्त तक इस्तेमाल करते रहते हैं जो बच्चे की सेहत के लिए सही नहीं रहता है. इसके साथ ही बोतल में लगी निप्पल को भी समय-समय पर बदलते रहें.
बोतल के लिए सही निप्पल चुनना है जरूरी
दूध पिलाने के लिए जिस निप्पल का यूज कर रही हैं वह मुलायम और सही आकार की होनी चाहिए, ताकि बच्चे को दूध पीने में आसानी रहे. इसके साथ ही ध्यान रखें कि निप्पल में किया गया सुराख ज्यादा बढ़ा न हो नहीं तो फॉर्मूला तेजी से निकलेगा जिससे बच्चे को फंदा लग सकता है.
दूध पिलाते वक्त ध्यान रखें ये बात
कोशिश करें कि बच्चे को गोद में लेकर उसके सिर के नीचे एक हाथ लगाकर ही दूध पिलाएं. कई बार लोग बच्चे लिटाकर को दूध की बोतल दे देते हैं, इससे उसके गले में ज्यादा दूध जा सकता है. कई बार नाक में भी दूध जाने का डर रहता है, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है, इसलिए बच्चे को बोतल से दूध पिलाते वक्त हमेशा उसके पास में रहें.