Economic Survey 2024 में नसीहत, इस मोर्चे पर भारत को लेना होगा US और चीन से सबक
भले ही भारत इकोनॉमी के मोर्चे पर दुनिया की सबसे तेजी गति से दौड़ने वाली अर्थव्यवस्था हो. दुनिया की दो सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका और चीन दोनों को भारत टक्कर दे रहा हो. उसके बाद भी भारत सरकार को एक मोर्चे पर अमेरिका, चीन और इजराइल जैसे देशों से सीख या सबक लेना काफी जरूरी है. इकोनॉमिक सर्वे में सरकार को सलाह या यूं कहें कि इस बात की नसीहत दी गई है कि वह बाकी मोर्चों के साथ रिसर्च एंड डेवलपमेंट यानी आरएंडी मे भी ज्यादा निवेश करने की जरुरत है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इकोनॉमिक सर्वे में इस बारे में क्या कहा गया है?
आरएंडडी पर बढ़ाना होगा बजट
आर्थिक समीक्षा 2023-24 के अनुसार भारत शोध एवं विकास (आरएंडडी) में तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इस पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले देश का खर्च चीन, अमेरिका और इजराइल जैसे देशों की तुलना में बहुत कम है. समीक्षा में कहा गया है कि आरएंडडी में निजी क्षेत्र का योगदान भी कम है. सोमवार को संसद में पेश किए गए दस्तावेज के अनुसार, जीईआरडी (आरएंडडी पर सकल व्यय) को अनुसंधान नतीजों में बेहतर ढंग से बदलने के लिए उच्च शिक्षा, उद्योग और अनुसंधान के बीच संबंध को मजबूत करना चाहिए.
हो रही है तेजी से प्रगति
समीक्षा में यह भी कहा गया कि भारत में संस्थान तकनीक विकसित करते हैं, लेकिन लोगों के लाभ के लिए प्रयोगशाला से समाज तक पहुंचने की उनकी दर कम है. इसमें कहा गया कि भारत आरएंडडी में तेजी से प्रगति कर रहा है, वित्त वर्ष 2019-20 में 25,000 से कम पेटेंट मंजूरी की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग एक लाख पेटेंट दिए गए हैं.
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के आंकड़ों का हवाला देते हुए समीक्षा कहती है कि भारत ने 2022 में पेटेंट दाखिल करने में सबसे अधिक वृद्धि (31.6 प्रतिशत) दर्ज की. जीआईआई (2023) के अनुसार, भारत ने 2015 में 81वें स्थान से 2023 में 40वें स्थान पर पहुंचने में कामयाबी हासिल की.