ED ने किस मामले में की है अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी? ACB से लेकर CBI तक कर चुकीं जांच
आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. एजेंसी ने उनके घर पर छापेमारी की और उनसे छह घंटे तक पूछताछ की. सोमवार सुबह अमानतुल्लाह खान ने एक्स के जरिए जानकारी दी थी की केंद्रीय एजेंसी ने उनके घर पर रेड मारी है और उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची है. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है और ईडी बीजेपी का हथियार बनी हुई है.
आम आदमी पार्टी का कहना है कि तानाशाह के जुल्म के आगे क्रांतिकारी नहीं झुकेंगे. बीजेपी की ईडी ईडी ने फर्जी केस में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को हिरासत में लिया है. बीजेपी हमें जितना दबाने की कोशिश करेंगे, हमारी आवाज उतनी मुखर होगी.
अमानतुल्लाह खान पर क्या लगे हैं आरोप?
अमानतुल्लाह खान पर आरोप है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए 2022 में उन्होंने 32 लोगों को अवैध रूप से बोर्ड में भर्ती किया था. एसीबी जांच में पता चला कि 32 लोगों में 5 रिश्तेदार और 22 ओखला निवासी थे. ये नियुक्तियां सरकारी नियमों को ताक पर रखकर की गई थीं. तत्कालीन सीईओ ने इन अवैध भर्तियों के खिलाफ ज्ञापन जारी किया था. आरोप ये भी था कि खान ने बोर्ड की कई संपत्तियों को अवैध तरीके से किराए पर दिया गया. एफआईआर में आरोप था कि बोर्ड के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है.
उधर, साल 2020 में राजस्व विभाग ने एक लेटर जारी किया, जिसमें कहा कि वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 14(1) के तहत खान वक्फ बोर्ड के सदस्य और अध्यक्ष नहीं रहे हैं. इसके बाद सीबीआई ने वक्फ बोर्ड घोटाले में एसीबी की एफआईआर को आधार बनाकर अलग से केस दर्ज किया. सीबीआई ने अमानतुल्लाह समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और 21 अगस्त, 2022 को चार्जशीट दाखिल की. सितंबर 2022 में एसीबी ने अमानतुल्लाह से पूछताछ की. इसी दौरान केस में ईडी की एंट्री हुई और PMLA के तहत केस दर्ज किया गया.
ईडी ने इसी साल जनवरी में 5000 पेज की चार्जशीट दायर की और जावेद, दाऊद, कौसर और जीशान को आरोपी बनाया. साथ ही पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर भी आरोपी थी. ईडी का कहना था कि अमानतुल्लाह ने गलत तरीके से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेचीं. एसीबी की रेड के दौरान आरोपी कौसर की डायरी में आठ करोड़ रुपए की एंट्री का भी जिक्र था. साथ ही कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग में अमानतुल्लाह शामिल हैं. एसीबी की रेड में अमानतुल्लाह के करीबियों के ठिकानों से 24 लाख रुपए कैश और हथियार बरामद होने के बाद खान को अरेस्ट किया गया था. हालांकि, 28 दिसंबर 2022 को उन्हें जमानत मिल गई थी. दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया.
आम आदमी पार्टी ने क्या दी सफाई?
आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘वक्फ बोर्ड में भर्तियों के मामले में पिछले 8 साल से सभी एजेंसियां अलग-अलग स्तर पर जांच कर चुकी हैं. अभी तक कुछ नहीं मिला है. केंद्र सरकार के लिए यह बहुत शर्म की बात है कि एसीबी और CBI द्वारा जांच के बावजूद यह साबित नहीं हो सका है कि पैसों के लेन-देन से भर्तियां की गई हैं. केंद्र सरकार चाहती है कि दिल्ली में सभी सरकारी विभाग खाली रहें, जिससे दिल्ली की व्यवस्था चरमरा जाए. पूरा देश देख रहा है कि किस तरह से एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, ये लोग इस तरह का दबाव और भी बढ़ाएंगे.’
AAP नेता संजय सिंह ने क्या कहा?
वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, ‘साल 2016 में दर्ज वक्फ बोर्ड के मामले में CBI ने शिकायत दर्ज की और 6 साल जांच के बाद फाइनल चार्जशीट लगाते हुए कहा कि कोई आर्थिक अपराध नहीं हुआ. इसके बाद इसी मामले में साल 2020 में ईडी और एसीबी ने मामला दर्ज किया और एसीबी ने अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया, लेकिन कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ, लेकिन ईडी के नापाक इरादे यहीं नहीं थमे. 2023 में छापेमारी की, लेकिन कुछ नहीं मिला. इसके बाद 2024 में 13 घंटे पूछताछ की. अब उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया, जिस पर उन्होंने ईडी को बताया कि उनकी मदर इन लॉ का कैंसर का ऑपरेशन हुआ है. अत: उन्हें कुछ समय दीजिए, लेकिन तानाशाह मोदी और बीजेपी की निर्दयी ईडी गुंडई करने के लिए सुबह-सुबह पहुंच गई.’