पाकिस्तान : निर्वाचन आयोग ने इमरान खान की पार्टी आशंकाओं को दूर करने का भरोसा दिया
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि निर्वाचन आयोग ने आश्वासन दिया है कि वह आठ फरवरी के आम चुनाव में समान अवसर की कमी को लेकर उसकी चिंताओं का समाधान करेगा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वकील शोएब शाहीन ने यह टिप्पणी तब की जब पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने उच्चतम न्यायालय द्वारा दिन में जारी निर्देशों के बाद यहां पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के सदस्यों से मुलाकात की।
उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने दिन में शीर्ष चुनाव निकाय को आगामी चुनावों में समान अवसर की कमी के बारे में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री खान की पार्टी की चिंताओं को दूर करने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति सरदार तारिक मसूद, न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह और न्यायमूर्ति सैयद मंसूर अली की तीन सदस्यीय पीठ ने खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश जारी किए थे।
अदालत ने अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान और पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के अधिकारियों को तलब किया।दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पीटीआई को शुक्रवार दोपहर तीन बजे शीर्ष चुनाव निकाय को अपनी शिकायत सौंपने को कहा था।
अदालत ने अटॉर्नी जनरल को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों को सहूलियत देने का भी निर्देश दिया था।
जियो न्यूज की की खबर के मुताबिक खान के वकील शोएब शाहीन ने आरोप लगाया था कि आठ फरवरी 2024 को चुनाव की घोषणा किए जाने के बावजूद उनके नेताओं के खिलाफ सार्वजनिक व्यवस्था रखरखाव (एमपीओ) के आदेश जारी किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पीटीआई उम्मीदवारों को नामांकन पत्र उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं और उन्हें जमा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। डॉन अखबार की खबर के अनुसार, निर्वाचन आयोग के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पीटीआई के वकील शाहीन ने कहा, ‘‘उन्होंने (ईसीपी अधिकारियों ने) वादा किया है कि शिकायतों का समाधान किया जाएगा।’’
उन्होंने उम्मीद जताई कि आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभाएगा। शाहीन ने कहा कि उसने पार्टी को आश्वासन दिया है कि जो भी शिकायतें की गई हैं, उनका समाधान किया जाएगा।
खबर के मुताबिक निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों के संबंध में इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त, इस्लामाबाद और सिंध के पुलिस प्रमुखों और सभी चार मुख्य सचिवों और प्रांतीय चुनाव आयुक्तों को अलग से निर्देश भी जारी किए।
पत्रों में कहा गया है कि चुनावी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र प्राप्त करने और जमा करने में कठिनाइयों का सामना करने के बारे में कई शिकायतें मिलीं, साथ ही दस्तावेजों को छीनने की भी सूचना मिली। पत्र में कहा गया कि आयोग ने मामले को ‘गंभीरता से’ लिया और चुनावी निगरानीकर्ता को सूचित करने के लिए ऐसे मामलों पर कानून के तहत आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।