एलन मस्क का भारत दौरा टला, टेस्ला प्रमुख ने खुद पोस्ट कर बताई इसकी वजह

टेस्‍ला के सीईओ एलन मस्‍क फिलहाल भारत नहीं आ रहे हैं। उन्होंने अपना भारत दौरा टाल दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एलन मस्‍क ने अपना भारत दौरा स्‍थगित कर दिया है। उनका भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप के साथ एक सम्मेलन में भाग लेने और सोमवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करने का कार्यक्रम था।

 

मस्क ने इसे लेकर एक्स पर अपने हैंडल से पोस्ट भी किया। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे टेस्ला के प्रति जिम्मेदारी के चलते भारत दौरा टालना पड़ रहा है। लेकिन मैं इस साल ही भारत आने का मौका देख रहा हूं।”

अरबपति से दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटो बाजार में प्रवेश करने की अपनी योजना का खुलासा करने की भी उम्मीद थी। इससे पहले अपनी यात्रा की पुष्टि करते हुए, मस्क ने 10 अप्रैल को एक्स पर पोस्ट किया: “भारत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के लिए उत्सुक हूं!”

 

 

मीडिया रिपोर्ट में कहा कि Tesla के मालिक एलन मस्‍क अभी भारत नहीं आ रहे हैं।23 अप्रैल को टेस्‍ला के तिमाही नतीजे के बारे में जानकारी देने के लिए उपस्थित रहेंगे।वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा था कि एलन मस्‍क भारत दौरे के लिए 21 और 22 अप्रैल को आ सकते हैं, लेकिन टेस्‍ला के नतीजे आने पर यह दौरा आगे के लिए पोस्टपोन हो सकता है।

भारत में टेस्‍ला का प्‍लांट लगाने की संभावनाओ और देश में बड़ा निवेश को लेकर एलन मस्‍क इंडिया आने वाले थे। रॉयटर्स की रिपोर्ट का दावा है कि मस्‍क भारत में एक फैक्‍ट्री बनाने के लिए 2 से 3 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान कर सकते थे। क्‍योंकि सरकार ने आयात टैक्‍स पर हाई चार्ज को कम करने की नई पॉलिसी का ऐलान किया था, लेकिन शर्त थी कि कंपनी स्‍थानीय स्‍तर पर निवेश करती है तो ही इसका लाभ मिलेगा।

बीते साल जून में स्पेसएक्स और एक्स के मालिक ने अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और खुलासा किया कि वह भारत में महत्वपूर्ण निवेश करने के इच्छुक हैं, जिसके बाद मंत्री की अमेरिकी यात्रा के दौरान गोयल और मस्क की मुलाकात होने वाली थी। टेस्ला ने देश में प्लांट बनाने की शर्त के तौर पर रियायत मांगी थी। कम किया गया टैरिफ सभी ईवी निर्माताओं पर लागू होगा।

पहले की रिपोर्टों के अनुसार, ऑटोमेकर ने भारत सरकार से शुरुआती टैरिफ रियायत के लिए कहा था, जिससे 40 हजार डॉलर से कम कीमत वाली कारों के लिए भारत के 70 प्रतिशत और इससे महँगी कारों के लिए 100 प्रतिशत के भारी सीमा शुल्क की भरपाई हो सके। भारत के ईवी बाज़ार में 2030 तक 100 अरब डॉलर राजस्व के साथ 40 प्रतिशत से अधिक पैठ हासिल करने की क्षमता है।

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