EV Battery: कब तक साथ देगी आपकी इलेक्ट्रिक कार? जानें EV की बैटरी और रेंज से जुड़े 3 बड़े सवालों के जवाब
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है. किसी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल में सबसे जरूरी पार्ट है उसकी बैटरी. बहुत से लोग तो इस वजह से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से कतराते हैं कि इलेक्ट्रिक कार या फिर इलेक्ट्रिक टू व्हीलर के साथ मिलने वाली बैटरी वारंटी अगर खत्म हो गई तो मोटा खर्चा आएगा.
इसी चिंता की वजह से लोग EV खरीदने का प्लान ही टाल देते हैं, आप भी अगर नई इलेक्ट्रिक कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो आपको पहले बैटरी से जुड़े कुछ जरूरी सवालों के जवाब पता होने चाहिए.
पहला जरूरी सवाल, इलेक्ट्रिक गाड़ियों की पुरानी बैटरी पर कितने पैसे मिलेंगे? दूसरा जरूरी सवाल, कंपनी जो ड्राइविंग रेंज क्लेम करती है, वो आखिर कितने सालों तक कंपनी के दावे के मुताबिक रहती है. तीसरा जरूरी सवाल, ईवी की बैटरी कितने सालों बाद चेंज करवानी पड़ती है और बैटरी चेंज पर कितना खर्च आता है?
Old EV Battery Cost: पुरानी बैटरी के मिलेंगे कितने पैसे?
इलेक्ट्रिक गाड़ी की बैटरी अगर वारंटी में है तो कंपनी आप लोगों को फ्री में बैटरी बदलकर देगी. अगर बैटरी की वारंटी खत्म हो गई तो इस केस में बैटरी की कंडीशन और बैटरी कितने साल पुरानी हो गई है, इन बातों पर निर्भर करेगा कि आपको पुरानी बैटरी के बदले कितने पैसे मिलेंगे?
EV Driving Range: कितने सालों तक रेंज रहेगी सेम?
बहुत से लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर ऑटो कंपनियां वाहनों की ड्राइविंग रेंज को लेकर जो बड़े-बड़े दावे करती है वो दावे आखिर कितने सालों तक कायम रहते हैं? मान लीजिए आपने आज कोई इलेक्ट्रिक कार खरीदी जिसकी ड्राइविंग रेंज को लेकर कंपनी का दावा है कि गाड़ी फुल चार्ज में 500 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है.
कई बार कार चालक कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिस कारण ड्राइविंग रेंज कम होने लगती है. कार में ज्यादा वजन लोड करने से कार की रेंज कम हो सकती है.
इलेक्ट्रिक वाहन चलाने वाले कुछ चालक, बैटरी को बार-बार चार्ज पर लगाने की भूल कर बैठते हैं जिस वजह से बैटरी की हेल्थ पर असर पड़ने लगता है. बैटरी चाहे फोन की हो या फिर कार की, हमेशा 20:80 वाला बैटरी रूल याद रखना चाहिए, इस रूल के तहत, बैटरी में 20 फीसदी से कम चार्जिंग नहीं होनी चाहिए और 80 फीसदी से ज्यादा बैटरी को चार्ज नहीं करना चाहिए.
इन गलतियों को अगर आप दोहराते रहे तो आपकी गाड़ी की ड्राइविंग रेंज कम हो जाएगी और इसका असर आप लोगों को कुछ ही सालों में दिखने भी लगेगा. अगर बैटरी वारंटी में हुई तो चेंज हो जाएगी, नहीं तो आपकी एक छोटी गलती आपका लाखों का नुकसान करवा देगी.
EV Battery Cost: कितना आएगा खर्च?
बैटरी को बदलने पर कितना खर्च आएगा? इस सवाल का जवाब यह है कि बैटरी बदलने का खर्च इलेक्ट्रिक वाहन के मॉडल पर निर्भर करता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय बाजार में बिकने वाले ज्यादातर गाड़ियां 30-40kWh बैटरी यूनिट के साथ आती है.
ऑटो कंपनियां बैटरी रिप्लेस करने के लिए 15,000-20,000 प्रति kWh चार्ज करती हैं. उदाहरण के लिए मान लीजिए, आपकी इलेक्ट्रिक कार में 30kWh बैटरी है और अगर कंपनी 15 हजार प्रति kWh भी चार्ज करती है तो खर्च 4 लाख 50 हजार आएगा. 20 हजार प्रति kWh के हिसाब से ये चार्ज 6 लाख रुपये होगा.
वहीं, दूसरी तरफ 40kWh बैटरी के लिए अगर 15 हजार kWh चार्ज किया जाता है तो खर्च 6 लाख रुपये और अगर 20 हजार प्रति kWh चार्ज किया जाता है तो आपको 8 लाख रुपये खर्च करने होंगे. ये जानकारी रिपोर्ट्स के आधार पर है, इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों ने बैटरी की रिप्लेसमेंट कॉस्ट की सटीक जानकारी का अब तक कोई भी खुलासा नहीं किया है.
EV Battery Warranty: कितने सालों तक रहेंगे सुरक्षित?
ज्यादातर ऑटो कंपनियां इलेक्ट्रिक गाड़ियों में लगी बैटरी के साथ 8 साल तक की वारंटी ऑफर करती हैं. वहीं, दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स के साथ 5 से 8 साल तक की वारंटी मिलती है. बैटरी वारंटी को लेकर ऑटो कंपनियों की ईवी पॉलिसी अलग-अलग हो सकती है.