अमेरिकी हमलों के बाद भी शांत नहीं हुए हूती विद्रोही, लाल सागर में फिर जहाज पर मिसाइल हमला, यूएस को चैलेंज
यमन के हूती विद्रोहियों ने बृहस्पतिवार को लाल सागर में लाइबेरिया के झंडा लगे एक कंटेनर जहाज को निशाना बनाकर दो बैलिस्टिक मिसाइल दागी। एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी। हूती विद्रोहियों ने ऐसे वक्त मिसाइल दागी है, जब अमेरिका ने उन्हें निशाना बनाकर हवाई हमले तेज कर दिए हैं। मध्य-पूर्व के जलमार्गों की सुरक्षा से जुड़े ब्रिटिश सैन्य समूह यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस ने कहा कि यह हमला यमन के एक बंदरगाह शहर होदेइदा के पश्चिम में हुआ, जिस पर लंबे समय से विद्रोहियों का कब्जा है। समूह ने कहा कि चालक दल और जहाज सुरक्षित है।
अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कंटेनर जहाज की पहचान कोई के रूप में की। फिलहाल हूती ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली। निजी सुरक्षा फर्म एंब्रे ने बुधवार रात बताया कि लाल सागर और अदन की खाड़ी के बीच बाब अल-मंडेब जलसंधि के पास, एक जहाज को मिसाइल से निशाना बनाया गया। हमास के खिलाफ गाजा में इजराइल के हमले को लेकर नवंबर से हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में जहाजों को बार-बार निशाना बनाया है। हमले की वजह से एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच वैश्विक व्यापार के प्रमुख जल मार्ग में जहाजों की आवाजाही प्रभावित हुई है।
अमेरिका कर रहा हमले की तैयारी
हूती हमलों को लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि मध्य पूर्व में अमेरिकी बलों और जहाजों पर हमला करने वाले ईरान समर्थित गुट को और ज्यादा निष्क्रिय करने का समय आ गया है। अमेरिका जॉर्डन में मारे गए तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत के जवाब में कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। कई दिनों से अमेरिका की ओर से संकेत दिए गए हैं कि हमला जल्द होने वाला है। हालांकि इन धमकियों के बीच गुरुवार को आखिरकार एक जहाज पर हूतियों ने लाइबेरिया के झंडे वाले कंटेनर जहाज पर मिसाइल दागे।
हूतियों के हमले नहीं हुए कम
पहले भी अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर मिसाइल बरसाए थे। लेकिन इससे हमलों में कोई कमी नहीं आई है। हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन मिला हुआ है। ईरान और सीरिया में अमेरिकी ठिकानों पर भी इसने हमले किए हैं। अमेरिका ने जॉर्डन में हुए बेस पर हमले के लिए इराक में इस्लामिक प्रतिरोध को जिम्मेदार ठहराया, जो ईरान समर्थित मिलिशिया का एक समूह है। ईरान ने इसमें शामिल होने से इनकार किया है। ऑस्टिन ने कहा, ‘ईरान कितना जानता था या नहीं, हम नहीं जानते। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि ईरान ऐसे ग्रुपों को स्पॉन्सर करता है।’