विशेषज्ञ ने बताया- म्यूटेशन के साथ कितने बदले लक्षण, क्या अब भी हो रही है स्वाद-गंध न आने की समस्या?

कोरोना और इसके नए वैरिएंट्स पिछले चार साल से अधिक समय से वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाते हुए देखे जा रहे हैं। साल 2019 के अंत से शुरू हुई कोरोना महामारी अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है।

कोरोना के नए वैरिएंट्स की प्रकृति को लेकर हुए शोध में वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि JN.1 अति संक्रामक वैरिएंट जरूर है पर इसके कारण गंभीर रोगों के विकसित होने का खतरा कम देखा जा रहा है।

ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या अब भी संक्रमितों में स्वाद-गंध न आने जैसी समस्या हो रही है? आइए इस बारे में समझते हैं।

कोरोना और इसके लक्षण

गौरतलब है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से संक्रमण की स्थिति वाले अधिकतर लोगों ने स्वाद-गंध न आने जैसी समस्या की शिकायत की थी। इसके अलावा डेल्टा को कोरोना के अब तक के सबसे खतरनाक वैरिएंट्स में से एक माना जाता रहा है। तो क्या JN.1 वैरिएंट के कारण भी लोगों को इस तरह की दिक्कत हो रही है?

इस संबंध में प्रकाशित एक मेडिकल रिपोर्ट में कोविड एक्सपर्ट डेविड स्ट्रेन कहते हैं, महामारी की शुरुआत में, रिपोर्ट किए गए लक्षण मुख्य रूप से गंध और स्वाद की हानि वाले थे। चूंकि कोविड-19 एक श्वसन संबंधी बीमारी है, इसलिए इसके कारण आम तौर पर सांस लेने में तकलीफ और खांसी भी होती रही है।

 

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