Explained : क्या बिटकॉइन जिताएगा ट्रंप को चुनाव? मस्क ने किया सपोर्ट का ऐलान
चुनावी चेहरों के रंग कैसे बदलते हैं, बीते 48 घंटों में हमने इसे बाखूबी देखा, समझा और परखा. रुकिये अगर आप इन शब्दों को भारत के परिपेक्ष्य में देखने का प्रयास कर रहे हैं, तो भूल जाइए. हम तो दुनिया की उस सबसे बड़ी इकोनॉमी का जिक्र करने जा रहे हैं, जिसके इशारों पर ग्लोबल शेयर बाजार नाचता है. जहां दुनिया के टॉप 10 में 9 सबसे अमीर अरबपति रहते हैं. जी हां, अमेरिका का जिक्र आज इस इसलिए होना जरूरी है क्योंकि वहां पर बीते 48 घंटों में पॉलिटिकल हालात काफी तेजी के साथ बदले हैं.
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर हमला होने के बाद उनकी जीत की संभावनाएं काफी ज्यादा बढ़ गई हैं. बात इससे भी साफ नहीं होगी. वास्तव में जिस क्रिप्टोकरेंसी को बीते कुछ बरस में अमेरिका और दुनिया के तमाम देशों में हाशिये पर डालने की कोशिश की गई. आज उसी क्रिप्टोकरेंसी के आसरे डोनाल्ड ट्रंप चुनाव को जीतने की कोशिश में जुटे हैं. अब जो बात हम आपको बताएंगे उससे बातें और भी ज्यादा साफ हो जाएंगी.
दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलन मस्क भी डोनाल्ड ट्रंप के सपोर्ट में खड़े हो गए हैं. हमने जैसा पहले आपको बताया कि राजनीतिक रंग कैसे बदलते हैं ये उसी की एक झलक है. एलन मस्क आज उसी ट्विटर (अब बदला हुआ नाम एक्स) के मालिक हैं, जिसने डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को बंद कर दिया था. जब चीजें एलन मस्क के हाथों में आई तो डोनाल्ड ट्रंप फिर से एक्स पर जिंदा हो गए.
बात तो क्रिप्टोकरेंसी या यूं कहें बिटकॉइन के डोनाल्ड ट्रंप के इलेक्शन कैंपेन के साथ रिश्तों की हो रही है. ये बात भूलने की जरुरत नहीं कि जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप क्रिप्टो फ्रेंडली है. वैसे ही एलन मस्क का भी किप्टो या यूं कहें कि वर्चुअल करेंसी से पुराना याराना है. साथ ही अमेरिका के साथ पूरी दुनिया में वर्चुअल करेंसी की अलग फैन फॉलोअंग है, जो चाहती है कि क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य उज्ज्वल हो.
खास बात तो ये है कि मई के महीने मेंं डोनाल्ड ट्रंप को बिटकॉइन समेत तमाम क्रिप्टो कॉइन पॉलिटिकल डोनेशन के रूप में मिले. अब सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो गया है कि क्या डोनाल्ड ट्रंप को जिताने के लिए क्रिप्टो सपोर्टर खड़े हो गए हैं? क्या अमेरिका की राजनीति और चुनावी डायनामेक्सि को बदलने के लिए बिटकॉइन पूरी तरह से सामने आ गया है? आइए जरा इसे समझने की कोशिश करते हैं.
बिटकॉइन और ऑल्टकॉइन कंयूनिटी की अहम भूमिका
हाल ही में बिटमेक्स के को-फाउंडर आर्थर हेस ने तर्क दिया कि आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव क्रिप्टो लवर्स को अपनी वोटिंग पॉवर का प्रयोग करने का बेहतरीन मौका दे रहा है. दोनों प्रमुख राजनीतिक दल स्विंग वोटर्स को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहे हैं. हेस का मानना है कि बिटकॉइन और ऑल्टकॉइन कंयूनिटी चुनाव का रिजल्ट तय करने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं. यहां एक और सवाल ये है कि क्या डोनाल्ड ट्रंप एक बेहतर च्वाइस हैं?
अपने ब्लॉग पोस्ट में, आर्थर हेस ने ग्लोबल फाइनेंस और पॉलिटिक्स में बिटकॉइन और ऑल्टकॉइंंस के महत्व को बताने की कोशिश की. हेस ने कहा कि डिजिटल करेंसीज के आने से न केवल फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के तरीके बदल रहे हैं, बल्कि पॉलिटिकल डायनामिक्स भी बदलाव हो रहे हैं. आप इस बात को ऐसे समझ सकते हैं कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में क्रिप्टो इंडस्ट्री के सपोर्ट में खड़े हुए दिखाई दिए. बढ़ती क्रिप्टो कंयूनिटी के संभावित वोटों का सपोर्ट जुटाने की कोशिश की.
ट्रंप के बयानों से समझें
हेस ने ट्रंप के बयानों का हवाला दिया जिसमें साफ देखा जा सकता है कि वो कैसे क्रिप्टो फ्रेंडली वोटर्स को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में ट्रंप जेल में सजा काट रहे सिल्क रोड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के फाउंडर रॉस उलब्रिच्ट के साथ खड़े हुए दिखाई दिए. उलब्रिच्ट को एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस चलाने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जो मुख्य रूप से ट्रांजेक्शन के लिए बिटकॉइन का यूज करता था. हेस का तर्क है कि ट्रंप के इस कदम का उद्देश्य युवा, राजनीतिक रूप से सक्रिय क्रिप्टो से जुड़े लोगों को अपनी ओर खींचना है जो चुनाव को उनके पक्ष में कर सकते हैं.
एलन मस्क का सपोर्ट
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार एलन मस्क ने डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा चुनाव के लिए काम करने वाले ग्रुप अमेरिका पीएसी में डोनेशन दिया है. हालांकि मस्क ने कितना डोनेशन दिया है उसके बाद सही जानकारी नहीं मिल सकी है, लेकिन जानकार इसे काफी बड़ा डोनेशन बता रहे हैं. मस्क का ट्रम्प को सपोर्ट ऐसे समय पर मिला है जब ट्रम्प ने फंड जुटाने, कॉर्पोरेट डॉनर्स से फंड जुटाने के मामले में राष्ट्रपति जो बिडेन को पीछे छोड़ दिया है. इसके अलावा, मस्क की भागीदारी ट्रम्प के कैंपेन को और मजबूत कर सकती है. उनका अमेरिका पीएसी पहले ही 15.8 मिलियन डॉलर खर्च कर चुका है. अब सभी की निगाहें अमेरिका पीएसी पर हैं, जो 15 जुलाई को अपने डॉनर्स की लिस्ट जारी कर सकती है.
कितनी आई तेजी
ट्रंप की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए बिटकॉइन समेत सभी वर्चुअल करेंसीज में तेजी देखने को मिल रही है. सोमवार सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर बिटकॉइन के दाम कॉइन डेस्क पर 4 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 62,875.28 डॉलर पर दिखाई दे रहा है. जबकि 24 घंटे पहले बिटकॉइन के दाम 60 हजार डॉलर क्रॉस कर गए थे. वहीं दूसरी ओर इथेरियम में भी 4 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है. सोलाना में 4 फीसदी से ज्यादा, डॉगेकॉइन में साढ़े तीन फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में जिस तरह से ट्रंप की संभावनाएं बढ़ती हुई दिखाई देंगी, वैसे-वैसे बिटकॉइन और क्रिप्टोरेंसीज में तेजी देखने को मिलती रहेगी.