Explained : फेड, क्रूड ऑयल, डॉलर, महंगाई…सेंसेक्स ने बनाया रिकॉर्ड, निवेशकों की हुई जमकर कमाई

भारत के शेयर बाजार ने करीब 50 दिन पहले दिवाली जैसा जश्न बनाया. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए. सेंसेक्स पहली बार 83 हजार अंकों के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए. वास्तव में अमेरिकी महंगाई अनुमान से कम होने की वजह से शेयर बाजार में जमकर तेजी देखने को मिली. कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स में करीब 1600 अंकों की तेजी देखने को मिली. वहीं दूसरी ओर निफ्टी में 500 से ज्यादा अंकों का इजाफा देखने को मिला है. इसका मतलब है कि दोनों में ही आज डेढ़ फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ बंद हुए हैं.
जानकारों की मानें तो अमेरिकी महंगाई में अनुमान से ज्यादा गिरावट आने की वजह से ये बात तय मान ली गई है कि सितंबर की फेड मीटिंग में ब्याज दरों में 0.25 फीसदी या उससे ज्यादा की कटौती हो सकती है. जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई है. सीएमई फेडवॉच के अनुसार, इससे 18 सितंबर को फेड दर में 25 आधार अंकों की कटौती की संभावना 66 फीसदी से बढ़कर 85 फीसदी हो गई, जबकि 50-बीपीएस की बड़ी कटौती का मामला 34 फीसदी से घटकर 15 फीसदी हो गया.
जानकारों की मानें तो क्रूड ऑयल की कीमत 72 डॉलर प्रति बैरल से कम है. जिसका असर शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है. आइए आपको भी बताते हैैं कि आखिर शेयर बाजार में किस तरह के आंकड़ें देखने को मिले हैं और वो कौन से 5 कारण हैं, जिनकी वजह से मार्केट में तेजी देखने को मिली है.
सेंसेक्स और निफ्टी ने बनाया रिकॉर्ड
शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए. बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक 1439.55 अंक यानी 1.77 फीसदी की तेजी के साथ 82,962.71 अंकों पर बंद हुआ. वैसे कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स करीब 1600 अंकों की तेजी के साथ 83,116.19 अंकों के लाइफ टाइम हाई पर भी पहुंच गया. वैसे गुरुवार को सेंसेक्स 81,930.18 अंकों पर ओपन हुआ था.
अगर बात नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी में भी अच्छी तेजी देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार 470.45 अंकों की तेजी के साथ 25,388.90 अंकों पर बंद हुआ. कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी 515 अंकों की तेजी के साथ 25,433.35 अंकों के लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में और इजाफा देखने को मिल सकता है.
निवेशकों को 6 लाख करोड़ रुपए का फायदा
शेयर बाजार में इस तेजी की वजह से बाजार निवेशकों की भी काफी मोटी कमाई हुई है. शेयर बाजार निवेशकों का फायदा और नुकसान बीएसई के मार्केट कैप में इजाफे और गिरावट से जुड़ा हुआ है. बुधवार को बीएसई का मार्केट कैप 4,60,76,150.02 करोड़ रुपए था. जो गुरुवार को 4,66,66,051.26 करोड़ रुपए आ गया. इसका मतलब है कि 5,89,901.24 करोड़ रुपए का इजाफा देखने को मिला. यहीं निवेशकों का फायदा है.
इन शेयरों में दिखी तेजी
तेजी वाले शेयरों की बात करें तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हिंडाल्कों के शेयर में 4.15 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. गुरुवार को भारती एयरटेल के शेयरों में लगभग 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो एनएसई पर 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 1,650.75 रुपये पर पहुंच गया. पिछले चार कारोबारी सत्रों में यह शेयर में लगभग 7 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. वैसे बाजार बंद होने के बाद कंपनी का शेयर 3.56 फीसदी पर बंद हुआ है. एनटीपीसी के शेयर 3.36 फीसदी, श्रीराम फाइनेंस 3.36 फीसदी और ग्रासिम के शेयर 2.94 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुआ है.
इन कारणों की वजह से शेयर बाजार में आई तेजी

अमेरिकी महंगाई में गिरावट : बुधवार को अमेरिकी महंगाई में गिरावट देखने को मिली है. अगस्त के महीने में सीपीआई डाटा 2.5 फीसदी पर देखने को मिला है. जबकि जुलाई के महीने में यह आंकड़ा 2.9 फीसदी था. इसी वजह से शेयर बाजार को सपोर्ट देखने को मिला है.
फेड रेट कट की संभावना : महंगाई के आंकड़ें में गिरावट आने आने से फेड रेट की संभावना बढ़ गई हैं. सीएमई फेड वॉच के अनुसार 85 फीसदी लोगों का मानना है कि फेड रेट कट में 0.25 फीसदी की ​कटौती देखने को मिल सकती है. जबकि 0.50 फीसदी रेट कट की संभावना सिर्फ 15 फीसदी लोगों को है.
क्रूड ऑयल की कीमत में गिरावट : कमजोर चीनी डिमांड और ग्लोबल सप्लाई की चिंताओं के कारण सितंबर में तेल की कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. ऑयल की कम कीमतें भारतीय इक्विटी के लिए सकारात्मक हैं, क्योंकि भारत कच्चे तेल का एक प्रमुख आयातक है. तेल की लागत कम होने से महंगाई का दबाव कम होता है और कॉर्पोरेट मार्जिन में सुधार करने में मदद मिलती है, जो आज के बाजार में वृद्धि में योगदान देता है.
विदेशी बाजारों में तेजी : वैश्विक बाजारों के साथ तालमेल बिठाते हुए, भारतीय इक्विटी ने भी वैश्विक तेजी का रुख दिखाया. वॉल स्ट्रीट पर तकनीकी रैली और अप्रत्याशित अमेरिकी कोर महंगाई डेटा के कारण गुरुवार को एशियाई शेयरों में उछाल आया. MSCI का एशिया-प्रशांत सूचकांक 1.5% बढ़ा, और निक्केई 3.3% बढ़ा. ईसीबी दर में एक और कटौती की उम्मीद से यूरोपीय शेयर भी आगे बढ़े, जिससे उधार लेने की लागत 2022 के निचले स्तर के करीब रही.
कमजोर डॉलर इंडेक्स : डॉलर इंडेक्स 102 के लेवल से नीचे गिरकर मौजूदा समय में 101.72 पर है. डॉलर का कमजोर होना भारतीय और एशियाई इक्विटी बाजारों के लिए सकारात्मक है, क्योंकि यह उभरते बाजार की संपत्तियों को विदेशी निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाता है.
विदेशी निवेशकों का निवेश : भारतीय बाजार के मजबूत प्रदर्शन में विदेशी संस्थागत निवेशकों यानी एफआईआई की अहम भूमिका बनी हुई है. सितंबर में अब तक, एफआईआई ने घरेलू इक्विटी में लगभग 17,016 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो भारत की अर्थव्यवस्था के लचीलेपन में विश्वास को दर्शाता है. जून के बाद से, एफपीआई लगातार इक्विटी खरीद रहे हैं, अप्रैल-मई में अपने पहले के 34,252 करोड़ रुपए के आउटफ्लो को उलट दिया है.

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