Explained : बजट में ऐसा क्या हुआ ऐलान जिससे शेयर बाजार निवेशक हुए परेशान, डूबे 10 लाख करोड़

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट पेश कर दिया है. जैसे-जैसे बजट की घोषणाएं होगी गई. शेयर बाजार में गिरावट बढ़ती गई. जब बजट ऐलान खत्म हुआ तो शेयर बाजार पूरी तरह से डूब चुका था. सेंसेक्स में 1200 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. वहीं निफ्टी में भी एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी थी. सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा हो गया है कि आखिर ऐसे कौन से ऐलान हुए जिसकी वजह से शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली और निवेशकों के करीब 10 लाख करोड़ रुपए डूब गए.
वास्तव में बजट ऐलान में मार्केट रेगुलेटर सेबी और आरबीआई की उन चिंताओं को उभारा गया है, जिसकी चर्चा बीते कुछ दिनों से दोनों की ओर से हो रही थी. बजट में सरकार ने सिक्योरिटीज में फ्यूचर और ऑप्शंंस में सेल—परचेज करने वाले निवेशकों पर टैक्स में बढ़ा दिया है. जिसका असर शेयर बाजार में भी साफ देखने को मिला. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर सरकार ने बजट में सिक्योरिटीज में फ्यूचर और ऑप्शंस में सेल परचेज पर कितना टैक्स बढ़ाया है.
शेयर बाजार में ये हुआ ऐलान
केंद्रीय बजट 2024-25 की घोषणा करते हुए, सीतारमण ने सिक्योरिटीज के फ्यूचर और ऑप्शंस एसटीटी को क्रमशः 0.02 फीसदी और 0.1 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया. एसटीटी स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टिड सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री पर लगाया जाने वाला डायरेक्ट टैक्स है. इससे पहले, सिक्योरिटीज में फ्यूचर सेल पर एसटीटी 0.0125 फीसदी था. सिक्योरिटी में ऑप्शन की सेल पर टैक्स 0.0625 फीसदी (विक्रेता पर) था और सिक्योरिटी में एक ऑप्शन की सेल पर, जहां ऑप्शन का प्रयोग किया जाता है, 0.125 फीसदी (खरीदार पर) था. एफएंडओ पर एसटीटी में बढ़ोतरी इस सेगमेंट में वॉल्यूम में बढ़ोतरी के कारण हुई है, जिससे मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक चिंतित हैं.
फिर शेयर बाजार में बड़ी गिरावट
भले ही शेयर बाजार दोपहर 2 बजे के बाद रिकवरी मोड में दिखाई दे रहा हो, लेकिन सिक्योरिटी में फ्यूचर और ऑप्शन पर टैक्स बढ़ाने के फैसले के बाद शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली. बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 1,277.76 अंकों की गिरावट के साथ 79,224.32 अंकों के लोअर लेवल पर पहुंच गया. इसका मतलब है कि सेंसेक्स में 1.60 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. वैसे सेंसेक्स 200 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ ओपन हुआ था और बजट से कुछ घंटे पहले शेयर बाजार हरे निशान पर भी दिखाई दिया. लेकिन शेयर बाजार निवेशकों पर लगे टैक्स ​की वजह से निवेशकों में पैनिक देखा और मार्केट क्रैश हो गया.
निफ्टी में बड़ी गिरावट
दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार निफ्टी कारोबारी सत्र के दौरान 435.05 अंकों की गिरावट के साथ 24,074.20 के लोअर लेवल पर पहुंच गया. आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो निफ्टी में इस दौरान 1.77 फीसदी की गिरावट देखी गई. वैसे आज निफ्टी तेजी के साथ 24,568.90 अंकों पर ओपन हुई, जो 24,582.55 अंकों के साथ दिन के हाई पर भी पहुंच गई. बजट ऐलान के साथ ही निफ्टी में भी गिरावट देखने को मिलती गई.
निवेशकों को 10 लाख करोड़ रुपए का नुकसान
शेयर बाजार में इस गिरावट की वजह से निवेशकों को मोटा नुकसान हुआ. वास्तव में निवेशकों का नुकसान या फायदा बीएसई के मार्केट कैप पर निर्भर है. अगर बीएसई का मार्केट कैप बढ़ता है तो निवेशकों को फायदा होता है और मार्केट कैप घटता है तो शेयर बाजार निवेशकों को फायदा होता है. एक दिन पहले बीएसई का मार्केट कैप 4,48,32,227.50 करोड़ रुपए था, जो कारोबारी सत्र के दौरान 4,38,36,540.32 करोड़ रुपए रह गया. इसका मतलब है ​निवेशकों को करीब 10 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. मौजूदा समय में बीएसई का मार्केट कैप 4,43,28,902.63 करोड़ रुपए पर दिखाई दे रहा है.

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