Express Investigation: दल बदलो और फंड पाओ! BMC में चल रहा अलग ही खेला

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पिछले दो सालों से नगर निगम के चुनाव नहीं हुए हैं। इन सबके बीच यहां इलाकों के लिए फंडिंग इस बार पर निर्भर करती है कि आपका विधायक किस पार्टी से है। द इंडियन एक्सप्रेस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन में यह बात सामने आई है कि बीएमसी से फंडिंग तब ही मिलती है, जब विधायक सत्ताधारी पार्टी से होता है।

वहीं, दूसरी ओर जब विधायक विपक्षी दल का होता है तो यह मदद मिलनी बंद हो जाती है।

द इंडियन एक्सप्रेस को RTI और इन्वेस्टिगेशन से मिली जानकारी के मुताबिक, फरवरी 2023 की पॉलिसी के तहत BMC विधायकों को विकास कार्यों के लिए फंड मांगने की अनुमति देती है। इस नीति के तहत रूलिंग गठबंधन के 21 विधायकों ने फंड मांगा है और उन्हें दिसंबर 2023 तक यह अलॉट भी किया गया है।

900 करोड़ की आकस्मिक निधि से किए गए 163.29 करोड़ रुपये आवंटित

फरवरी 2023 और 31 दिसंबर, 2023 के बीच 10 महीनों में बीएमसी ने नागरिक कार्यों को पूरा करने के लिए मुंबई में 227 निगम वार्ड में से 31 को अपने 900 करोड़ रुपये की आकस्मिक निधि से 163.29 करोड़ रुपये आवंटित किए। इन 31 वार्डों में से 30 वार्ड ऐसे हैं जहां के पार्षदों ने दल बदल लिए हैं।

मुंबई में कुल 36 विधायक हैं। इन विधायकों में से 21 विधायक सत्ताधारी बीजेपी और शिंदे-शिवसेना गठबंधन से हैं जबकि 15 विधायक विपक्षी दलों से संबंध रखते हैं। जून 2022 में भाजपा के साथ राज्य सरकार बनाने के लिए अलग होने के बाद सभी 30 मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में शामिल हो गए।

30 पार्षदों के पाला बदलते ही मिल गयी धनराशि

30 पार्षदों के पाला बदलने के बाद ही उनके वार्डों को 5-5 करोड़ रुपये की धनराशि मिली। दरअसल, कई मामलों में पूर्व नगरसेवक के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के एक पखवाड़े से भी कम समय में धन की मंजूरी दे दी गई। इंडियन एक्सप्रेस द्वारा डाली गई आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, शेष 196 नगरसेवक वार्डों में से किसी को भी आकस्मिक निधि से कोई पैसा नहीं मिला।

आकस्मिक निधि का इस्तेमाल विशेष रूप से प्रतिकूल परिस्थितियों जैसे कि कोविड-19 महामारी, भूस्खलन, पुल ढहने के दौरान किया जाता है। नागरिक निकाय आम तौर पर अपनी वार्षिक आय का लगभग 4 प्रतिशत इस निधि के लिए अलग रखता है। यह पैटर्न कुछ इस तरह है कि एक पूर्व पार्षद के शिंदे सेना में शामिल होने के बाद उस पार्षद के वार्ड का प्रभारी बीएमसी का वार्ड अधिकारी नागरिक निकाय के कार्यालय को धन की मांग करते हुए एक लिखित प्रस्ताव भेजेगा, जो प्रस्ताव को मंजूरी दे देंगे।

शिवसेना-भाजपा गठबंधन के सभी 21 विधायकों को मिला फंड

बुधवार को द इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट दी थी कि बीएमसी ने मुंबई में विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में नागरिक कार्य करने के लिए 500 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। मुंबई में जहां सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन के सभी 21 विधायकों को इस विशेष प्रावधान के तहत धन मिला, वहीं 15 विपक्षी विधायकों को एक भी रुपया नहीं मिला।

प्रशासन सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर काम कर रहा- आदित्य ठाकरे

शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘जब भी विपक्ष की ओर से कोई सदस्य नगर निगम आयुक्त के पास जाता है, तो उन्हें बताया जाता है कि पूर्व पार्षद किसी भी फंड का दावा नहीं कर सकते हैं। वहीं, अगर सत्तारूढ़ गठबंधन से जुड़ा कोई पूर्व पार्षद नागरिक प्राधिकरण से संपर्क करता है तो उनकी मांग एक पखवाड़े के भीतर स्वीकृत हो जाती है। इससे साफ पता चलता है कि प्रशासन किस तरह सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर काम कर रहा है।’

7 मार्च, 2022 को उनका कार्यकाल समाप्त होने से पहले बीएमसी में शिवसेना (अविभाजित) के 88 पार्षद थे। वहीं, भाजपा के 80, कांग्रेस के 31, एनसीपी के 9, MNS के 7, AIMIM के 2, समाजवादी पार्टी के 6 पार्षद थे। नगर निकाय में कोई मौजूदा पार्षद नहीं है। यह वार्ड अधिकारी ही हैं जो विभिन्न विकास कार्यों को पूरा करने के लिए अनुदान की मांग उठाते रहे हैं।

इंडियन एक्स्प्रेस को मिली जानकारी में कई उदाहरण सामने आए हैं। 26 अगस्त, 2023 को धारावी से कांग्रेस के पांच पूर्व पार्षद गंगा माने और उनके पति कुणाल माने, बब्बू खान, ज्योत्सना परमार और भास्कर शेट्टी शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए। तीन दिन बाद 29 अगस्त, 2023 को उनके वार्ड अधिकारी ने 5 करोड़ रुपये के चार अलग-अलग प्रस्ताव रखे। इन प्रस्तावों में उन चार वार्डों में नागरिक बुनियादी ढांचे के कार्यों को पूरा करने के लिए धन की मांग की गई, जिनका ये पार्षद कभी प्रतिनिधित्व करते थे। 29 अगस्त 2023 को बीएमसी ने प्रत्येक को 5 करोड़ रुपये दिए।

19 जून, 2023 को चांदीवली के दो यूबीटी सेना पूर्व पार्षद, किरण लांडगे और अश्विनी माटेकर के शिंदे सेना में शामिल होने के कुछ हफ्तों के भीतर ही उनके वार्ड अधिकारी ने दोनों पार्षद वार्डों के लिए क्रमशः 5.42 करोड़ रुपये और 5.69 करोड़ रुपये की मांग की। दो दिन बाद नागरिक प्रशासन ने प्रत्येक को 5 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दे दी।

28 जुलाई 2023 को यूबीटी सेना के मंगेश सातमकर, सायन नगरपालिका वार्ड के नगरसेवक, शिंदे सेना में शामिल हो गए। एक महीने बाद उनके वार्ड अधिकारी ने 5 करोड़ रुपये की मांग की जिसे बीएमसी ने मंजूरी दे दी। इसके विपरीत, निकटवर्ती वार्ड में कांग्रेस के पूर्व पार्षद रवि राजा के अनुरोध आज तक पेंडिंग हैं। जब कि राजा ने दूसरा पत्र बीएमसी कमिश्नर को और तीसरा पत्र अभिभावक मंत्री को लिखा है।

दक्षिण मुंबई से यूबीटी सेना सांसद अरविंद सावंत ने 2 फरवरी, 2023 को बीएमसी प्रमुख को पत्र लिखकर सेवरी वार्ड में नागरिक कार्य करने के लिए आकस्मिक निधि के तहत 6 करोड़ रुपये की मांग की। इसके मौजूदा नगरसेवक सेना यूबीटी से सचिन पडवाल हैं। हालांकि, बीएमसी को अभी तक इस वार्ड के लिए धन आवंटित नहीं किया गया है। सावंत ने दक्षिण मुंबई में दो अन्य वार्डों के लिए भी धन की मांग की, जहां पूर्व नगरसेवक सेना (यूबीटी) और कांग्रेस के साथ हैं। बीएमसी ने अभी तक इन वार्डों के लिए भी धन आवंटित नहीं किया है।

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