आंख की चोट, ऑपरेशन का दर्द, फिर भी… पत्नी ने बताया अरुण योगीराज ने कैसे गढ़ी रामलला की मूर्ति?
श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोमवार को आधिकारिक घोषणा की है कि अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के अंदर कर्नाटक के अरुण योगीराज की बनाई हुई मूर्ति की स्थापना की जाएगी. इससे पहले यह बात सामने आई थी कि अरुण योगीराज की मूर्ति की स्थापना होगी लेकिन कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी. इस पर मूर्तिकार अरुण की पत्नी विजोता ने टीवी9 भारतवर्ष से चर्चा करते हुए बताया कि यह उनके लिए संक्रांति पर एक मीठी खबर की तरह है.
विजेता ने बताया जब अरुण रामलला की मूर्ति को बना रहे थे तो उस वक्त उनकी आंख में पत्थर चला गया था. पत्थर जाने की वजह से उन्हें आंख में गंभीर चोट लग गई थी. चोट लगने के बाद उन्होंने बहुत दर्द हो रहा था इसके बाद भी उन्होंने मूर्ति का काम जारी रखा. विजेता ने अरुण से संबंधित और मूर्ति से संबंधित कई बातें बताई हैं. विजेता ने बताया कि अरुण योगीराज के पिता और दादा भी मूर्तिकार थे. उनके पिता को मूर्ति निर्माण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है.
बेहद सुंदर है रामलला की मूर्ति
विजेता ने बताया कि रामलला की मूर्ति बेहद खूबसूरत है, मूर्ति को देखने से एक 5 साल के बच्चे की अनुभूति होती है. उन्होंने बताया कि जब अरुण इस मूर्ति को बना रहे थे तो उन्होंने छोटे बच्चों की शारीरिक बनावट से लेकर उनके हाव-भाव पर काभी रिसर्च किया था. मूर्ति को तराशना अरुण के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी क्योंकि जो भी बातें हो रही थीं वह सब महज कल्पनाएं ही थीं उसे अरुण को पत्थर पर उकेरना था.
परिवार की इज्जत बचा ली
अरुण की मां भी इस बात से बहुत खुश हैं कि उनके बेटे की बनाई हुई मूर्ति को राम मंदिर में स्थापित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अरुण ने जो मेहनत की है उसका फल उन्हें आज मिल रहा है. विजेता ने बताया कि अरुण हमेशा कहा करते हैं कि उन्होंने रामलला की मूर्ति नहीं बनाई है बल्कि वह मूर्ति खुद भगवान ने ही बनाई है. उनकी पत्नी ने कहा कि है अरुण की मूर्ति का चयन होने उनके परिवार के लिए बहुत गर्व की बात है. उन्होंने विनोद करते हुए कहा कि अरुण ने उनके परिवार की इज्जत बचा ली