सुविधा: कारोबारी अब क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भी चुका सकेंगे जीएसटी
मोदी सरकार ने कारोबारियों के लिए नई सुविधा की शुरुआत की है। इसके तहत कारोबारी अब क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के माध्यम से भी जीएसटी का भुगतान कर पाएंगे। जीएसटी नेटवर्क (GSTN) ने इस सेवा को सक्रिय कर दिया है।
10 राज्यों में शुरू हुई सेवा
जीएसटीएन के मुताबिक, फिलहाल 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कारोबारियों को सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इनमें दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे प्रदेश शामिल हैं। जीएसटी चालान बनाते समय कारोबारियों को जीएसटी भुगतान का तरीका चुनना होगा। इसमें क्रेडिट और डेबिट कार्ड का विकल्प भी जोड़ दिया गया है। बाद में सभी राज्यों में इस सेवा कर विस्तार कर दिया जाएगा।
अभी यह विकल्प उपलब्ध
वर्तमान में व्यापारी जीएसटीएन पोर्टल पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से भुगतान कर सकते हैं। अभी ऑनलाइन तरीकों में नेट बैंकिंग, तत्काल भुगतान सेवाएं (IMPS) और एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) शामिल हैं।
65 फीसदी बढ़े जीएसटी दाखिल करने वाले: देश में जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में पिछले पांच वर्षों में 65 फीसदी का इजाफा हुआ है। अप्रैल 2023 तक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 1.13 करोड़ हो गई। वहीं, जीएसटी के तहत पंजीकृत सक्रिय करदाताओं की संख्या बढ़कर 1.40 करोड़ हो गई है, जो अप्रैल 2018 में 1.06 करोड़ थी।
पिछले महीने 1.64 लाख करोड़ रुपये रहा जीएसटी कलेक्शन
दिसंबर 2023 में कुल जीएसटी वसूली 1.64 लाख करोड़ रुपये रही। सालाना आधार पर जीएसटी कलेक्शन में 10 फीसदी का उछाल आया है। खास बात यह है कि दिसंबर सातवां महीना रहा, जिसमें 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक का जीएसटी कलेक्शन हुआ।
इन कार्ड नेटवर्क पर सुविधा
व्यापारी रूपे, मास्टरकार्ड, वीज़ा और डायनर्स द्वारा संचालित सभी क्रेडिट/डेबिट कार्ड से भुगतान कर सकते हैं।
यहां सुविधा उपलब्ध
दिल्ली
गोवा
गुजरात
मध्य प्रदेश
महाराष्ट्र
हरियाणा
हिमाचल प्रदेश
केरल
ओडिशा
असम
ऐसे कर सकेंगे भुगतान
जीएसटीएन पोर्टल पर ई-भुगतान विकल्प में क्रेडिट/डेबिट कार्ड विकल्प चुनें।
इसके बाद लेनदेन के लिए पसंदीदा बैंक का चयन करें।
नियम एवं शर्तों के लिए अनुबंध बॉक्स पर टिक करें।
लेनदेन पूरा करने के लिए भुगतान करें बटन पर क्लिक करें।
– फिर क्रेडिट या डेबिट कार्ड विकल्प का चयन कर भुगतान प्रक्रिया को पूरा करें।
5 करोड़ से अधिक के कारोबार पर ई-चालान जरूरी: पांच करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों और कारोबारियों के लिए ई-चालान अनिवार्य होगा। इसके बिना वे ई-वे बिल जारी नहीं कर पाएंगे। यह व्यवस्था एक मार्च 2024 से लागू होने जा रही है।
जीएसटी नियमों के अनुसार 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के सामान को एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच ले जाने के लिए कारोबारियों को ई-वे बिल की आवश्यकता पड़ती है। सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह नियम केवल ई-चालान के पात्र जीएसटी चुकाने वालों पर ही लागू होगा। ग्राहकों और अन्य तरह के लेनदेन के लिए ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए ई-चालान की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। ऐसे में ये ई-वे बिल पहले की तरह ही जारी होते रहेंगे।