महिला कर्मचारियों को Family Pension के लिए बच्चों को नामांकित करने की अनुमति

केंद्र ने एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की है, जिसके अनुसार महिला कर्मचारियों (female employees) को अपने पति के बजाय अपने बेटों या बेटियों को फैमिली पेंशन के लिए नामांकित करने की अनुमति मिल गई है. 29 जनवरी, सोमवार को जारी आधिकारिक बयान में सरकारी कर्मचारियों या पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन नियमों में बदलाव पर प्रकाश डाला गया.

फैमिली पेंशन आवंटन के लिए नया नियम:

सेंट्रल सिविल सर्विसेस (पेंशन) नियम, 2021 में हाल ही में पेश किए गए संशोधन के तहत, महिला सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी अब अपने पात्र बच्चे या बच्चों को अपनी मृत्यु की स्थिति में फैमिली पेंशन प्राप्त करने के लिए नामित कर सकती हैं. यह पहले के प्रावधान (provision) को रिप्लेस करता है जहां पति/पत्नी प्राथमिक प्राप्तकर्ता थे और परिवार के अन्य सदस्य केवल विशिष्ट परिस्थितियों में ही पात्र बनते थे.केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि यह संशोधन महिलाओं को समान अधिकार प्रदान करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता के अनुरूप है.

उन्होंने कहा, “यह क्रांतिकारी फैसला सामाजिक-आर्थिक प्रभाव डालने वाला होगा. महिलाओं को समान अधिकार प्रदान करने की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की नीति को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने लंबे समय से स्थापित नियम में संशोधन किया है, जिससे महिला कर्मचारी को लाभ मिलेगा. फैमिली पेंशन के लिए अपने पति, जैसा कि अब तक होता आया है, के बजाय अपने बेटे या बेटी को नामांकित करने का अधिकार होगा.”

जटिल पारिवारिक स्थिति

यह संशोधन वैवाहिक कलह, तलाक की कार्यवाही, या घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, दहेज निषेध अधिनियम या भारतीय दंड संहिता जैसे कानूनों के तहत कानूनी मामलों से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह सुनिश्चित करता है कि जटिल पारिवारिक स्थितियों में भी फैमिली पेंशन मिलती रहे.

महिला सरकारी सेवकों या पेंशनभोगियों के लिए प्रक्रियाएँ:

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (Department of Pensions and Pensioners’ Welfare- DoPPW) के अनुसार, एक महिला सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी को संबंधित कार्यालय प्रमुख को एक लिखित अनुरोध प्रस्तुत करना होगा, जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि मृत्यु की स्थिति में फैमिली पेंशन उसके पात्र बच्चे या बच्चों को जीवनसाथी के पहले दी जानी चाहिए. यदि कार्यवाही के दौरान महिला सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाती है, तो फैमिली पेंशन तदनुसार वितरित की जाएगी.

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