पॉलेट्री बिजनेस से किसान हर महीने करता है लाखों की कमाई, कई जिलों में होती है अंडों की सप्लाई
कड़ी मेहनत और खुद पर विश्वास से आप जीवन में हर चीज हासिल कर सकते हैं. सफलता के रास्ते में संघर्ष का भी सामना करना पड़ता है. स्ट्रगल करने के बाद ही कामयाबी का असली मजा है.
आज हम आपको ऐसे ही शख्स मनीष कुमार के बारे में बताएंगे, जो पेशे से किसान हैं और वह अपनी कड़ी मेहनत के बाद पॉलेट्री बिजनेस से हर महीने लाखों रुपये कमा रहे हैं. बिहार के रहने वाले मनीष ने अपनी जर्नी की शुरुआत में सोचा भी नहीं था कि एक दिन जिंदगी में उनका करोड़ों का कारोबार होगा.
कौन हैं मनीष कुमार?
हाजीपुर के नामीडीह गांव के रहने वाले मनीष कुमार की हैचरी प्लांट शुरू करने के बाद में हासिल की गई सफलता तमाम लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. मनीष ने हैचरी कारोबार के साथ अंडा उत्पादन के लिए 20,000 मुर्गियां पाली हैं.
मनीष का मानना है कि अगर आप पूरी ईमानदारी से सही तरीके से काम करते हैं तो आपको भारी मुनाफा होना तय है. अगर आपको इस बारे में पूरी तरह जानकारी नहीं है तो आपको नुकसान भी हो सकता है.
कई जिलों में होती है अंडों की सप्लाई
मनीष कुमार ने बताया कि उन्होंने 20,000 मुर्गियां केवल अंडा उत्पादन के लिए पाली हैं. इन मुर्गियों से मिलने वाले अंडों की सप्लाई कई जिलों में रोजाना की जाती है.
मुर्गी लाने के बाद 20 महीने तक अंडों के प्रोडक्शन का काम चालू रहता है. चूजे की जिंदगी के शुरुआती चार महीने पालने-पोसने में गुजर जाते हैं. मुर्गी से अंडा उत्पादन का काम चौथे महीने में शुरू होता है. मुर्गी को उस समय बेचा जाता है जब वह अंडे देना बंद कर देती है.
बढ़ जाती है मुर्गियों के बीमार होने की संभावना
मनीष ने बातचीत में यह भी बताया कि मुर्गी की अच्छी देखभाल करना इस काम में बहुत जरूरी है. साफ-सफाई पर लगातार ध्यान नहीं दिया जाए तो मुर्गियों के बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है.
मुर्गियों को देखभाल करना बहुत जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि एक मुर्गी करीब दो साल तक अंडे देती है. अंडे का रेट बाजार के हिसाब से अलग-अलग होता है. रोजाना 18 से 19 हजार अंडों के प्रोडक्शन के लिए हैचरी में 20000 मुर्गियों को पाला जाता है. इन्हें बाद में बाजार में बेच दिया जाता है.
उन्होंने बताया कि होलसेल में एक अंडे का दाम 4 से 5 रुपये करीब रहता है. खर्च को कम करने के बाद इस सेटअप में सालान मुनाफा 75 लाख रुपये तक पहुंच सकता है. मनीष ने हाजीपुर में ट्रेनिंग लेने के बाद हैचरी प्लांट शुरू करने का फैसला किया था.