Farmers Protest: किसानों के बीच हो सकते हैं ‘उपद्रवी’ हरियाणा पुलिस का दावा! बॉर्डर पर जेसीबी क्यों?
किसानों के दिल्ली कूच (Farmers Protest) का आठवां दिन. किसानों का जत्था दिल्ली बॉर्डर के आसपास जमा हुआ है. इस दौरान सरकार से हुई अब तक की सारी बातचीत बेनतीजा रही. 21 फरवरी को किसान फिर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने की तैयारी में हैं.
सुरक्षाबलों की तरफ से भी किसानों को बॉर्डर पर ही रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
इंडिया टुडे से जुड़े मंजीत सहगल की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा पुलिस को विरोध प्रदर्शन से जुड़े कुछ इनपुट्स मिले हैं. इनपुट्स के अनुसार, आंदोलनकारी किसानों के बीच मौजूद कुछ ‘उपद्रवी’ पब्लिक प्रॉपर्टी को निशाना बना सकते हैं. हरियाणा पुलिस ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक को इस बारे में एक पत्र भेजा है. इस पत्र में 21 फरवरी को शंभू और दातासिंह (खनौरी) सीमा पर प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेडिंग हटाने के संभावित प्रयास के दौरान महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया है.
हरियाणा पुलिस के मुताबिक, किसान बैरिकेडिंग को तोड़ने के लिए जेसीबी, पोकलेन, हाईड्रोलिक क्रेन और अन्य भारी मशीनरी का इस्तेमाल कर सकते हैं. इन मशीनों को आंसू गैस के गोलों से बचने के लिए डिजाइन किया गया है. इस बीच, अंबाला पुलिस ने वीडियो और तस्वीरों के आधार पर दो अज्ञात भारी मशीनरी चालकों के खिलाफ FIR दर्ज की है. पुलिस की तरफ से कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति प्रदर्शनकारियों को कोई वाहन उपलब्ध नहीं कराएं. अन्यथा वाहन जब्त कर लिया जाएगा. पुलिस अधिकारियों ने ये भी कहा है कि किसानों की मदद करते पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
: MSP पर सरकार का प्रस्ताव या ‘खेल’, क्यों नहीं माने किसान?
केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली-पंजाब बॉर्डर पर 14 हजार किसान आए हैं. यहां 1200 ट्रैक्टर ट्रॉली, 300 कार और 10 मिनी बस भी हैं. इंडिया टुडे इनपुट्स के अनुसार, गृह मंत्रालय ने कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.
किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात है. शंभू बॉर्डर पर कंटीली तारों वाली 7 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है. दिल्ली पुलिस भी अलर्ट पर है. सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर को सील कर दिया गया है. पूरी दिल्ली में धारा 144 लगाई गई है.
इससे पहले 19 फरवरी की शाम को सरकार और किसानों के बीच एक और बैठक हुई थी. जो बेनतीजा रही. केंद्र सरकार ने कपास, मक्का, मसूर, अरहर और उड़द यानी 5 फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया.