पापा बहुत बड़े रईस, बेटा निकला खुद्दार, छोड़ा 690000 करोड़ रुपये का पुश्तैनी कारोबार, खुद बनाया अपना मुकद्दर

करोड़पति लोगों के बच्चों को काम करने की क्या जरूरत, पढ़ेंगे-लिखेंगे और फिर अपना पुश्तैनी कारोबार संभाल लेंगे. आमतौर पर बड़े बिजनेसमैन के बच्चे ऐसा ही करते हैं पढ़-लिखकर परिवार के बिजनेस को आगे बढ़ाते हैं. लेकिन, कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो जिद्दी और जुनूनी होते हैं और खुद अपने दम पर खड़ा होना चाहते हैं. हालांकि, ऐसे सपूत कम देखने को मिलते हैं. हम आपको जिस युवा की कहानी बताने जा रहे हैं उन्होंने लीक से हटकर कुछ ऐसा ही किया. उन्हें पापा की अरबों की कंपनी में बड़ा पद और पैसा मिला था. लेकिन, उन्होंने यह ऑफर ठुकरा दिया और खुद अपना बिजनेस शुरू किया. इस लड़के की हसरत पिता की तरह बनने की है इसलिए ऐशो आराम की जिंदगी छोड़कर संघर्ष की राह को अपनाया.

हम बात कर रहे हैं रोहन मूर्ति, जो देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति के बेटे हैं. डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, इंफोसिस का मार्केट कैप 690000 करोड़ रुपये से ज्यादा है. लेकिन फिर भी रोहन मूर्ति पिता की विरासत को संभालने के बजाय अपना बिजनेस करने का फैसला लिया ।

रोहन मूर्ति ने क्यों लिया कड़ा फैसलारोहन मूर्ति को इन्फोसिस में वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर नियुक्त किया गया था. लेकिन उन्होंने यह जिम्मेदारी छोड़ दी और एक डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन कंपनी सोरोको की शुरुआत की. फिलहाल, रोहन मूर्ति कंपनी के सीटीओ हैं. सोरोको ने रेवेन्यू के बारे में खुलकर नहीं बताया है. लेकिन नेल्सनहॉल वेंडर इवैल्यूएशन एंड असेसमेंट टूल (एनईएटी) ने 2022 के लिए सोरोको का टॉप कंपनियों में शामिल करते हुए इसका रेवेन्यू $18 मिलियन (लगभग 150 करोड़ रुपये) होने का अनुमान लगाया.

रोहन मूर्ति ने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में पीएचडी हासिल की है. रोहन मूर्ति के माता-पिता, नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति भी अपने विनम्र व उदार स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. अपनी प्रोफेशनल को लेकर रोहन मूर्ति को अपने मामा श्रीनिवास कुलकर्णी से प्रेरणा मिली. हालांकि, कथित तौर पर रोहन मूर्ति के पास इंफोसिस के 6,08,12,892 शेयर या 1.67 प्रतिशत शेयर मिले थे और उन्हें डिविडेंड इनकम के तौर पर 106.42 करोड़ रुपये मिले.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *