लंबी उम्र जीते हैं बेटियों के पिता, शोध में आया रोचक नतीजा
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? इन जानकारियों के लिए है, यह पन्ना। यहां आपको मिलेगी, हर जानकारी हमारी दुनिया की…
ज्यादा जीते हैं बेटियों के पिता
पूरी दुनिया जानती हैं कि बेटियां पिता को ज्यादा प्यारी होती हैं। अब इस संबंध में हुए एक नए अध्ययन के मुताबिक बेटियों के पिता उन लोगों की तुलना में ज्यादा जीते हैं, जिन्हें बेटी नहीं है। पोलैंड की यूनिवर्सिटी के द्वारा 4, 310 लोगों पर किए गए अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। अध्ययन में बेटी के जन्म और पिता की लंबी उम्र के बीच सीधा संबंध पाया गया। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिस व्यक्ति की जितनी ज्यादा बेटियां होती हैं, उसकी औसत उम्र उतनी ज्यादा होती है। अध्ययन के मुताबिक प्रत्येक बेटी के जन्म से पिता के औसत उम्र में 74 सप्ताहों का इजाफा होता है। अध्ययन की रिपोर्ट अमेरिकन जर्नल ऑफ ह्यूमन बायोलॉजी में प्रकाशित हुई है।
मस्तिष्क के लिए चुनौतीपूर्ण है ऑनलाइन मीटिंग्स
ऑनलाइन मीटिंग्स, जूम कॉल और टीम्स जैसी शब्दावली अब हम सब की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं। कई लोगों के लिए हर दिन ऐसी मीटिंग में हिस्सा लेना आम बात है। पर, एक अध्ययन के मुताबिक संवाद के लिए यह सबसे आसान तरीका नहीं है। अध्ययन के मुताबिक मानव मस्तिष्क के लिए आमने-सामने बैठकर की गई बातचीत को समझ पाना, वीडियो कॉल पर की गई बात को समझ पाने की तुलना में ज्यादा आसान होता है। येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के द्वारा यह अध्ययन अलग-अलग आयु वर्ग के 28 लोगों पर की गई है।
क्या बताती है संगीत की आपकी पसंद?
संगीत के मायने हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होते हैं। अब शोधकर्ताओं ने संगीत और नैतिक मूल्य के बीच संबंध तलाशा है। लंदन के क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी और इटली के आईएसआई फाउंडेशन के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि संगीत ना सिर्फ हमारे स्वभाव पर असर डालती है बल्कि उससे दुनिया को देखने का हमारा नजरिया भी प्रभावित होता है। 1, 400 लोगों पर किए गए अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है।
फ्रैक्चर से नहीं बचाता यह सप्लीमेंट
हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन-डी जरूरी है। कई अभिभावक अपने बच्चों को इसके लिए सप्लीमेंट भी देते हैं। पर, क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन और हार्वर्ड टी. एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं के द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक विटामिन-डी सप्लीमेंट बच्चों की हड्डियों को मजबूत नहीं बना पाते और ना ही फ्रैक्चर से उन्हें सुरक्षा प्रदान करते हैं। यह अध्ययन उस अवधारणा पर ही सवाल उठाता है कि विटामिन-डी की दवाओं का सेवन करने से हड्डियां मजबूत बनाती हैं। छह से 13 आयु वर्ग के स्कूल जाने वाले 8,851 बच्चों पर तीन साल तक चले अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। अध्ययन की रिपोर्ट लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रोनोलॉजी नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुई है।