इस होली मटन के नाम पर ना खाएं धोखा, शख्स ने बताया खस्सी-बकरी में अंतर, ऐसे होती है पहचान से कंपनी ले रही ज्यादा पैसा

होली रंगों का त्योहार है. लोग इस दिन अपने घर में तरह-तरह के पकवान बनाते हैं. खुद भी खाते हैं और अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को भी खिलाते हैं. होली में मटन और चिकन की दुकानों में ख़ास भीड़ नजर आती है. चिकन में दो तरह की वेराइटी होती है. एक है देसी चिकन और एक सफ़ेद पोल्ट्री वाला चिकन. लेकिन खस्सी खरीदने में अक्सर लोग धोखा खा जाते हैं.

होली में मीट शॉप पर जमकर भीड़ लगी रहती है. ऐसे में कई दुकानदार लोगों को उल्लू बना देते हैं. खस्सी की जगह उन्हें बकरी का मीट थमा दिया जाता है. चूंकि लोग असली खस्सी की पहचान नहीं कर पाते हैं, इस वजह से वो धोखा खा जाते हैं. सोशल मीडिया पर एक शख्स ने लोगों को असली खस्सी की पहचान करने का तरीका बताया है. इस तरीके को जानने के बाद आप असली खस्सी का मांस ही होली में खाएंगे.

ऐसे होता है नकली खस्सी का बिजनेस

शख्स ने बताया कि आज के समय में ज्यादातर दुकानदार लोगों को धोखा देते हैं. कुछ बकरे का मांस आपको परोस देते हैं. उसने बताया कि अगर आप बकरे की कलेजी को टेस्ट करेंगे तो वो कड़वा लगेगा लेकिन बकरी की कलेजी में स्वाद होता है. वहीं अगर दुकान में लटके मांस के ऊपर सफ़ेद धारियां ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि वो बकरी कई बार बच्चे दे चुकी है और अब उसे काटकर उसका मांस बेचा जा रहा है.

होली पर होता है लाखों का बिजनेस

आपको बता दें कि होली के दिन सुबह से ही मीट की दुकानों पर भीड़ देखी जाती है. कई जगहों पर तो सुबह के नौ बजे तक सारा स्टॉक खत्म हो जाता है. इसी बात का फायदा कई दुकानदार उठाते हैं. खस्सी की जगह बूढ़े बकरे को काटकर उसका मांस बेच दिया जाता है. इसे पकने में काफी समय लगता है और इसका स्वाद भी अजीब सा होता है.

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