कर्नाटक: राम मंदिर आंदोलन में हिंसा की खुली फाईल, 31 आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू

अयोध्या में राममंदिर का काम अंतिम चरण में है. 22 फरवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इसी बीच कर्नाटक में मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां भी शुरू हो गई है. कर्नाटक पुलिस ने 31 साल बाद मंदिर आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की फाइल खोल दी है. इस फाइल में 300 से अधिक लोगों के नाम हैं. इनमें से सोमवार को दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया. वहीं बाकियों की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीमों का गठन किया गया है.

बता दें कि साल 1992 में अयोध्या में राम मंदिर के लिए बड़ा आंदोलन हुआ था. इस आंदोलन के तहत देश भर में हिंसक घटनाएं हुई थीं. कई राज्यों में राम मंदिर समर्थकों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए गए थे. अकेले कर्नाटक में ही कई जगह हिंसक घटनाएं हुई थीं. इनमें 300 से अधिक लोगों को नामजद किया गया था. अब कर्नाटक पुलिस ने 31 साल पुरानी उन फाइलों को खोल दिया है. इसी के साथ सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है.

5 दिसंबर 92 को पहली घटना

कर्नाटक पुलिस के मुताबिक सभी हिंसक घटनाएं साल 1992 से 1996 के बीच हुई थीं. इसमें पहला मामला 5 दिसंबर, 1992 का है. इसमें हुबली में एक अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति की दुकान जला दिया गया था. इस मामले में आरोपी श्रीकांत पुजारी और उनके एक साथी को पुलिस ने सोमवार को अरेस्ट किया. इस वारदात में 8 अन्य आरोपी भी है. बताया जा रहा है कि इन वारदातों के वक्त आरोपियों की उम्र 30 साल के आसपास थी, चूंकि 31 साल बाद इन मामलों को दोबारा खोला गया है, इसलिए अब सभी आरोपी 60 की उम्र को पार कर गए हैं

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