पहली बार इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वाले लोग गैसोलीन कारों में नहीं करना चाहते स्विच
दुनियाभर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) का क्रेज और मांग बढ़ती जा रही है। भारत में भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रुख कर रहे हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, अब एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पहली बार इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने वाले लोग गैसोलीन पर चलने वाली कारों में स्विच करने को लेकर अनिच्छुक थे। JD Power की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। यह स्थिति तब है, जब चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की मौजूदगी को लेकर सवाल बरकरार है। लोगों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के क्रेज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका में EV की बिक्री इस महीने की शुरुआत में 4 लाख 34 हजार 879 नई यूनिट्स के साथ रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। हालांकि हाइब्रिड गाड़ियों की मांग ज्यादा मजबूत रही, क्योंकि कई कस्टमर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ज्यादा कीमत, लिमिटेड ड्राइविंग रेंज और चार्जिंग स्टेशनों की कमी के कारण इन्हें नहीं खरीद पाए।
JD Power में ग्लोबल ऑटोमोटिव के सीनियर डायरेक्टर ब्रेंट ग्रुबर ने कहा कि अपनी रिसर्च से हम यह जान पाए हैं कि कई कंस्यूमर्स को बैटरी रेंज, गाड़ी चार्जिंग जैसे पहलुओं की वजह से इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के दौरान चिंता होती है। लेकिन एक बार किसी ने BEV खरीद ली, तो उसके प्रति उनका झुकाव बहुत ज्यादा है।
2022 US इलेक्ट्रिक व्हीकल एक्सपीरियंस (EVX) ओनरशिप स्टडी से पता चला है कि BEV खरीदने वाले औसतन एक हजार नए लोगों में से 754 ग्राहक संतुष्ट हैं। यह संख्या उत्साहजनक है। टेस्ला मॉडल 3 सबसे पसंदीदा कार
स्टडी में पता चला है कि टेस्ला का ‘मॉडल 3′ प्रीमियम BEV सेगमेंट में 777 स्कोर के साथ सबसे टॉप पर है। वहीं, मास मार्केट BEV सेगमेंट में Kia Niro EV लगातार दूसरे साल टॉप पर रही। इस कार को 744 स्कोर मिला है।
एक ओर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर इस साल इलेक्ट्रिक गाड़ियां महंगी भी हो सकती हैं। पिछले महीने एक रिपोर्ट में बताया गया था कि 2022 में इलेक्ट्रिक गाडि़यों की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है। अपनी सालाना बैटरी रिपोर्ट में BloombergNEF ने माना है कि लिथियम की बढ़ती कीमतें और हाल के दिनों में कच्चे माल की ऊंची लागत से आने वाले साल में बैटरी अधिक महंगी हो सकती है। क्योंकि बैटरी की लागत इलेक्ट्रिक वीकल की कीमत का एक अहम हिस्सा है, ऐसे में इलेक्ट्रिक गाडि़यों की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा सकती है।