विदेशमंत्री एस. जयशंकर की दो टूक,सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर आतंकियों को दिया करारा जबाब
देश की राजधानी में स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सेंटर में भारत और विश्व विषय पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश की संप्रभुता की रक्षा करने और सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने पर भारत के कडे़ रुख पर प्रकाश डाला। उरी हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक ने दुनिया को सख्त संदेश दिया है। देश के पश्चिम मोर्चे पर बढ़ते आतंकवाद के प्रति हमारा यह करारा जवाब है।
देश की राजधानी में स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सेंटर में भारत और विश्व विषय पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश की संप्रभुता की रक्षा करने और सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने पर भारत के कडे़ रुख पर प्रकाश डाला।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले काफी जटिल होते हैं,लेकिन उरी हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक ने दुनिया को सख्त संदेश दिया है। देश के पश्चिम मोर्चे पर बढ़ते आतंकवाद के प्रति हमारा यह करारा जवाब है। भारत ने दृढ़ संकल्प और धैर्य के साथ सभी चुनौतियों को पीछे धकेलने में कामयाबी हासिल की है। चीन की चर्चा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि जब हमें चीन के साथ एलएसी पर चुनौती दी गई,तो कोविड महामारी के बीच त्वरित और प्रभावी जवाबी तैनाती उचित जवाब था।
विदेशमंत्री एस. जयशंकर बोले देश की रक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाया
भारत ने सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास पर काम किया है, जो लंबे समय से उपेक्षित था। हमने देश की रक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया है। उन्होंने कहा, जब इंडो-पैसिफिक की बात आई तो सबसे बड़े मंच पर हमने क्वाड की स्थापना की और उसे आगे बढ़ाने के अपने फैसले पर दृढ़ता से काम किया।
पश्चिमी मोर्चे पर सीमा पार आतंकवाद की लंबे समय से चली आ रही चुनौती को अब और अधिक उचित प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होंने कहा जहां भारत सवालों का जवाब देने से नहीं कतराएगा,वहीं सवाल पूछने वालों से सवाल करने का साहस भी हम रखते हैं। आर्थिक मोर्चे पर दुनिया को हमारा जवाब अधिक आत्मनिर्भरता में निहित है।
विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने इस पर विस्तार से चर्चा की कि कैसे भारत पश्चिमी देशों के मुकाबले अपने घरेलू हितों के लिए रूस से सस्ता तेल खरीदने के अपने रुख पर कायम है।
विदेशमंत्री बोले घरेलू उपभोक्ताओं के हितों का रखा ख्याल
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया अब अधिक अस्थिर और अनिश्चित दिख रही है, जो हमसे स्वतंत्र व आत्मविश्वासपूर्ण सोच की मांग कर रही है। हमने यह पहले ही देख लिया है। जब ऊर्जा खरीद विकल्पों की बात आई तो भारत ने अंतर्राष्ट्रीय दबाव का विरोध करते हुए अपने घरेलू उपभोक्ताओं के हितों को चुना।