G20 के इस प्लान पर G7 Summit में भी लगी मुहर, भारत के लिए ऐसे है फायदेमंद
पिछले साल सितंबर के महीने में जब भारत ने जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी, तो उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि अफ्रीकी यूनियन को जी20 का हिस्सा बनाने के प्रस्ताव को पास कराने की थी. इसी के साथ रूस और चीन जैसे देशों को साधते हुए भारत ने जी20 शिखर सम्मेलन के प्रस्तावों पर सर्वसम्मति से सहमति बनाने में भी सफलता हासिल की थी. लेकिन इसी के बीच भारत की ओर से ऐसा प्रस्ताव पेश किया था, जिससे ग्लोबल ट्रेड में उसे बड़ी मदद मिलने वाली थी. अब इसी प्रस्ताव का समर्थन इटली में संपन्न जी7 देशों ने एक बार फिर किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता की कमान संभालने के बाद इटली में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए. इस शिखर सम्मेलन में भारत को आउटरीच नेशन के तौर पर आमंत्रित किया गया था. पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां ‘आउटरीच समिट’ को संबोधित भी किया है.
जी7 ने लगाई जी20 के IMEC पर मुहर
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने एक वैश्विक आर्थिक गलियारे का प्रस्ताव रखा था. ये एक तरह से भारत के पुराने ‘मसाला रूट’ को रिवाइव करने की कवायद है. जी20 में पारित ‘भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ ( IMEC) को लेकर जी7 देशों ने प्रतिबद्धता जताई है.
जी7 शिखर सम्मेलन के अंत में जारी एक बयान में दुनिया के 7 प्रमुख औद्योगिक देशों के समूह ने आईएमईसी जैसे बुनियादी ढांचे के प्रस्तावों को आगे बढ़ावा देने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है. इतना ही नहीं जी7 के इस बयान में कानून के शासन के आधार पर स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई है.
बयान में कहा गया है कि जी7 देश विकास के लिए क्वालिटेटिव इंफ्रास्ट्रक्चर पर सहयोग करेंगे. इसके तहत कई परियोजनाओं को बढ़ावा देंगे, जैसे कि लोबिटो कॉरिडोर, लुजोन कॉरिडोर, मिडिल कॉरिडोर और भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर.
भारत के लिए ऐसे है फायदेमंद
भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) भारत के पश्चिमी तट को सऊदी अरब, यूरोप और अमेरिका के बीच एक विशाल सड़क, रेलमार्ग और पोत परिवहन सिस्टम डेवलप करेगा. इससे भारत को ग्लोबल ट्रेड में बढ़त मिलेगी. इसे चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) के समक्ष एक स्ट्रेटिजिक विकल्प बनाया जा रहा है.