Gold Price: बजट के बाद 5 हजार रुपए सस्ता हो गया सोना, ये है कारण

अगर आप भी सोना खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. सरकार ने बजट में ऐसा एक प्रस्ताव कर दिया, जिससे देश भर में सोने-चांदी की दुकानों पर बे-मौसम की भीड़ उमड़ पड़ी है. जी हां, सरकार ने बजट में एक प्रस्ताव के जरिये सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी में 6 फीसदी की तगड़ी कटौती कर दी है. जिसके बाद से सोने के दाम में भारी गिरावट देखी जा रही है. बजट के बाद से सोना 5100 रुपए सस्ता हो गया है. जिससे खरीदारों के चेहरे खिल गए हैं.
वहीं, ज्वैलरी स्टोर्स में ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी है. स्थिति यह हो गई है सुबह दुकान खुलने से लेकर रात में दुकान समेटने तक ग्राहकों का तांता लगा हुआ है. स्थिति यह है कि ज्वैलर्स अपने कारीगरों की छुट्टी कैंसिल कर थोक भाव में नए गहने गढ़वा रहे हैं.
इतनी हो गई सोने की कीमत
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड की कीमत में भी गिरावट देखने को मिल रही है. बजट से पहले सोना 72 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चल रहा था, जो अभी 68 हजार रुपये से नीचे आ चुका है. यानी बजट से अब तक सोना 5 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से ज्यादा सस्ता हो गया है. आंकड़ों के अनुसार आज सुबह मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड के दाम 1,159 रुपए से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है. आंकड़ों के अनुसार दोपहर 12 बजकर 43 मिनट पर गोल्ड की कीमत 67,793 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही हैं.
ऐसे में बजट से अबतक सोने की कीमतों ने 5100 रुपए की गिरावट आ चुकी है. इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन का कहना है कि बजट में कस्टम ड्यूटी में हुई कटौती से सोने की कीमतों पर 6 हजार रुपये तक का असर पड़ सकता है. यानी अभी सोना 2 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम और सस्ता हो सकता है.
इस काम में मिलेगी
सीबीआईसी के चेयरमैन संजय कुमार मल्होत्रा ​के मुताबिक, सोने पर लगे अत्यधिक आयात शुल्क में कटौती की बजट घोषणा से सोने की तस्करी रोकने और रत्नों-आभूषणों का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी. संसद में पेश बजट 2024-25 में कीमती धातु पर आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत करने की घोषणा की गई.पिछले वित्त वर्ष में सीबीआईसी और राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने लगभग 4.8 टन सोना जब्त किया था. इसके पहले वित्त वर्ष 2022-23 में 3.5 टन से अधिक सोने को जब्त किया गया था.
सीबीआईसी प्रमुख ने कहा कि जुलाई, 2022 में सोने के आयात पर शुल्क बढ़ाने का फैसला इसलिए किया गया था कि भू-राजनीतिक स्थिति के कारण चालू खाते का घाटा (कैड) बढ़ता जा रहा था. ऐसे समय में गैर-जरूरी आयात में कटौती के लिए शुल्क बढ़ाया गया था.
तस्करी रोकने में मददगार
दरअसल, 15 प्रतिशत शुल्क होने से सोने की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बीच बहुत बड़ा अंतर हो गया था. उन्होंने कहा, इन सभी कारकों को सोने और कीमती धातुओं पर शुल्क में कमी के बजट प्रस्ताव में ध्यान में रखा गया है, जहां शुल्क सोने पर शुल्क की दर के अनुरूप चलता है.
पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 45.54 अरब डॉलर का सोना और 5.44 अरब डॉलर मूल्य की चांदी का आयात किया था. इस दौरान देश से 13.23 अरब डॉलर के आभूषणों का निर्यात किया गया.भारत सोने की अपनी अधिकांश मांग आयात से पूरी करता है लेकिन इसका रुपये और चालू खाता घाटे पर दबाव पड़ता है.स्विट्जरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है. उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (16 प्रतिशत से अधिक) और दक्षिण अफ्रीका (लगभग 10 प्रतिशत) क स्थान है.

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