जंगली जानवरों के हमले में मारे गए लोगों के परिवार के लिए आई अच्छी खबर……

पश्चिम बंगाल सरकार ने जंगली जानवरों के हमले से घायल लोगों के लिए एक खुशखबरी लाई है. सरकार ने जानवरों के हमले से मरे लोगों के परिजनों को नौकरी देने का ऐलान किया है. पिछले 13 वर्षों में राज्य के उत्तरी जिलों में कुल 675 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.

इसमें सबसे ज्यादा संख्या

अलीपुरद्वार की है, जहां अकेले 163 लोगों ने जंगली जानवरों के हमले से अपनी जान गंवा दी.

सरकार उन लोगों की एक सूची तैयार कर रही है, जो लोग जंगली जानवरों के हमले से अपनी जान गंवाई है. सूबे की मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि उनके परिजनों को वन स्वयंसेवक के तौर पर रोजगार दिया जाएगा. जिससे उनके परिवार की आर्थिक मदद की जा सकें

वन राज्य मंत्री बीरबाहा हांसदा ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से जो अनुदान दिया जाता है. वह जारी रहेगा उसके अलावा सरकार चाहती है कि उनके परिवार के विकास की डोर न रुके इसके लिए सरकार उनके परिवार के किसी एक सदस्य को वन विभाग में नौकरी देने का ऐलान किया है.

इस नौकरी के तहत स्वयंसेवको को 12 हजार रुपए वेतन के रूप में दिया जाएगा. हालांकि अभी तक इन लोगों को काम क्या करना है. ये तय नहीं है. भर्ती शुरू कर दी गई है. अभी तक इस योजना के तहत 163 लोगों को नौकरी दिया जा चुका है. पिछले साल बाघमुंडी के मडला गांव निवासी 43 वर्षीय मंगल मुरा की माथा वन क्षेत्र के कुदना में जलावन के लिए लकड़ी इकठ्ठा करने के दौरान तेदुए के हमले से मौत हो गई थी. उनके बेटे सागर मुरा को वन विभाग में वन स्वयंसेवक के रूप में नियुक्त किया गया है.

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