जाम छलकाने वालों के लिए अच्छी खबर, यूपी में नहीं बढ़ेंगे शराब के दाम
यूपी में शराब की कीमतें नहीं बढ़ाई जाएंगी, योगी सरकार की नई आबकारी नीति ने ये साफ कर दिया है. नीति के हिसाब से प्रदेश में कंट्री मेड शराब की कीमतें और कम होंगी. इस बारे में प्रदेश के आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी ने बताया कि अब राज्य में देसी शराब की विभिन्न कैटेगरीज को चार हिस्सों में बांटा गया है, पहले इनकी नौ श्रेणियां होती थीं. इसके अलावा यूपी में ग्रेन अल्कोहल को बढ़ावा देने की भी नीति है, जिससे प्रदेश की दूसरे राज्यों पर निर्भरता खत्म हो और राजस्व भी बढ़े.
आबकारी आयुक्त के मुताबिक अब सरकार शीरे की शराब की जगह अनाज से बनने वाली शराब को बढ़ावा देगी. दरअसल दुनियाभर में ग्रेन अल्कोहल की क्वालिटी सबसे खास होती है. अभी तक पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से इसे आयात करना पड़ता था. अब प्रदेश में ही इसका उत्पादन हो रहा है. इससे इंपोर्ट ड्यूटी भी बच रही है. इसके अलावा लाइसेंस फीस का भी 254 रुपए प्रति बल्क लीटर निर्धारण करने से भी सरकार का राजस्व बढ़ेगा. इसके अलावा मिनिमम गारंटी कोटा और मिनिमम गारंटी रेवेन्यू में 10 प्रतिशत इजाफे से राजस्व में 50 हजार करोड़ से ज्यादा का राजस्व हासिल करने का लक्ष्य है.
दोगुनी लाइसेंस फीस के साथ दी जाएगी बॉटलिंग बढ़ाने की अनुमति
आबकारी आयुक्त के मुताबिक राजस्व को बढ़ाने के लिए सरकार ने पहली बार फ्रेंचाइजी की भी व्यवस्था की है. इससे दुनियाभर के टॉप ब्रांड यूपी की डिस्टलरीज के साथ फ्रेंचाइजी स्थापित कर सकेंगे. आबकारी आयुक्त के अनुसार प्रदेश में अगर किसी ब्रांड की डिमांड बढ़ती है तो ये फ्रेंजाइजी दोगुनी लाइसेंस फीस के साथ बॉटलिंग बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा बियर एक्सपोर्ट फीस भी 50 फेसे प्रतिलीटर कम की गई है.
सड़क पर नहीं, अब परमिट रूम में पी सकेंगे बियर
सरकार ने और भी प्रावधान किए हैं. इसके मुताबिक बीयर की दुकानों के बाद 100 स्क्वायर फीट के स्थान को परमिट रूप के तौर पर डेवलप किया जा सकेगा. इसकी परमिशन लेने का शुलक 5 हजार रुपये सालाना होगा. परमिट रूम का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि ठंडी बियर को बियर की दुकानों के पास ही पीने की सुविधा मिल सकेगी. इससे सड़क पर शराब पीने वालों में कमी आएगी.