हर महीने कैशबैक, 7% ब्याज सब्सिडी, बिना गारंटी के ₹50 हजार लोन दे रही सरकार, जानिए क्या है स्कीम?
केंद्र सरकार ने कोरोना काल में कई ऐसी पहल की थी, जिसके जरिए लोगों को आर्थिक मदद करने की कोशिश की गई। ऐसी ही एक कोशिश- प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) के जरिए की गई। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के तहत आने वाली पीएम स्वनिधि योजना का उद्देश्य स्ट्रीट वेंडरों को कोविड-19 महामारी में बुरी तरह प्रभावित हो चुके उनके व्यवसायों को फिर से शुरू करने के लिए प्रेरित करना था। योजना के तहत बिना किसी गारंटी के वर्किंग कैपिटल फंड या लोन की सुविधा देना है।
50 हजार रुपये तक लोन
एक वर्ष की अवधि के लिए बिना किसी गारंटी के 10,000 रुपये तक का लोन मिलता है। समय पर इस लोन का री-पेमेंट करने पर 20,000 रुपये लोन की दूसरी और 50,000 रुपये लोन की किश्त की सुविधा मिलेगी। बता दें कि लोन पर प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी दी जाती है। इसके माध्यम से नियमित री-पेमेंट को प्रोत्साहित किया जाएगा। वहीं, प्रति वर्ष 1200 रुपये तक कैशबैक के दिए जाएंगे।
राज्यों को करनी होगी पहचान
योजना के तहत पात्र स्ट्रीट वेंडरों की पहचान और नए आवेदन जुटाने के लिए राज्य/यूएलबी जिम्मेदार हैं। हालांकि, लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए, मंत्रालय कई पहल कर रहा है। इसके तहत राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों/यूएलबी/ऋण प्रदाता संस्थानों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित करना, रेडियो जिंगल, टेलीविजन विज्ञापन और समाचार पत्रों में विज्ञापन के जरिये समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाना शामिल हैं।
बांटे जा चुके 9790 करोड़ के लोन
हाल ही में सरकार ने सदन को बताया कि पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के लाभार्थियों को अब तक कुल 9,790 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। पीएम स्वनिधि लाभार्थियों को वित्त वर्ष 2020-21 में 2,039 करोड़ रुपये, 2021-22 में 1,248 करोड़ रुपये, 2022-23 में 1,866 करोड़ रुपये और चालू वित्त वर्ष 2023-24 के 5 दिसंबर तक 4,637 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया। कुल मिलाकर 9,790 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं। 5 दिसंबर 2023 तक 56,58,744 स्ट्रीट वेंडर लाभार्थियों को इस योजना के तहत ऋण वितरित किया जा चुका है।